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कोरोना के डर से हाहाकार, फिर भी नहीं उठ रहा कचरा

locationजबलपुरPublished: Mar 22, 2020 07:04:46 pm

Submitted by:

shyam bihari

जबलपुर नगर निगम की लापरवाही, पूर्व पार्षदों की भी नहीं हो रही सुनवाई
 

नगर निगम के संसाधन
– 500 संविदा कर्मचारी
– 1500 नियमित कर्मचारी
– 1200 सफाई?कर्मी ठेकेदार के
– 25 करोड़ रुपए हर महीने सफाई व्यवस्था पर होते हैं खर्च
– 05 हजार कर्मचारी हैं निगम के
जबलपुर। कोरोना वायरस से दुनियाभर में हाहाकार मचा है। जबलपुर शहर में भी पॉजीटिव मामले सामने आ चुके हैं। जबलपुर नगर निगम के वार्डों में कीटनाशक के छिड़काव, फॉगिंग और सेनेटाइजेशन की मांग की जा रही है। लेकिन, वीआईपी इलाकों को छोड़कर कहीं भी कीटनाशक का छिड़काव या फॉगिंग नहीं हो रही है। शहरवासी वर्ष 2017-18 में बड़ा सीवर अटैक, चिकनगुनिया और लंगड़ा बुखार का दंश झेल चुके हैं। इस दौरान लगभग हर घर में लोग बीमार पड़े थे। इसके बावजूद निगम प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया। इस बार भी बड़े खतरे के बावजूद अभी तक निगम प्रशासन शहर की सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के बजाय शहरी सीमा में सेनेटाइजेशन की केवल तैयारियां कर रहा है। निगम के सफाई कर्मियों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए मास्क, सेनेटाइजर व अन्य उपकरण नहीं दिए गए हैं। अधिकारी पूर्व पार्षदों और जनप्रतिनिधियों की शिकायतों-सुझावों को भी अनदेखा कर रहे हैं।
सेनेटाइजेशन के लिए टीम गठित
वार्डों में कीटनाशक के छिड़काव, फॉगिंग और सेनेटाइजेशन के लिए आठ टीमें बनाई गई हैं। प्रत्येक टीम में नियंत्रणकर्ता अधिकारी, उप पर्यवेक्षक, मुख्य स्वछता निरीक्षक व 15-15 श्रमिकों को शामिल किया गया है। मुख्यालय की टीम में शिफ्ट में 20-20 श्रमिकों की डïयूटी लगाई गई है। नगर निगम के अपर आयुक्त राकेश अयाची ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सतर्कता बरत रहे हैं। वार्डों में कीटनाशक के छिड़काव, फॉगिंग और सेनेटाइजेशन के लिए टीम गठित की गई है। सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए भी आवश्यक इंतजाम किए जा रहे हैं।

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