आंख खुलने से बंद होने तक अनुशासन
खिलाडि़यों की दिनचर्या अनुशासित है। सुबह नींद खुलने के बाद से लेकर रात में सोने तक उन्हें कब क्या और कैसे करना है, यह सब निर्धारित रहता है। खान-पान से लेकर फिटनेस का पूरा ध्यान रखना होता है। संस्कारधानी में तैयार हो रहे खिलाडि़यों में हर उम्र और वर्ग के खिलाड़ी शामिल हैं।
शहर से ये पहुंचे एशियन गेम्स में
वुशु- अंजुल नामदेव
शूटिंग- मुस्कान किरार
साइकिलिंग- चोवा,
मनोरमा
पैराशूटिंग- रूबीना
फ्रांसिस (दिव्यांग वर्ग)
यहां होती है तैयारी
राइट टाउन स्टेडियम
रानीताल स्टेडियम
पुलिस लाइन स्टेडियम
साइंस कॉलेज मैदान
महाकौशल कॉलेज मैदान
रेलवे स्टेडियम
शहर के 6 से अधिक इंडोर स्टेडियम
मैदान और खेल परिसर
टेबल टेनिस
तैयार होने के लिए वक्त
कम से कम दो साल
खिलाड़ी- 35
प्रैक्टिस- दो से ढाई घंटा प्रतिदिन
एथलेटिक
तैयार होने के लिए वक्त
दो से तीन साल
खिलाड़ी- 350
प्रैक्टिस- तीन घंटा प्रतिदिन
बॉक्सिंग
तैयार होने के लिए वक्त
आठ माह से एक साल
खिलाड़ी- 100
प्रैक्टिस- चार से पांच घंटा
कराते
तैयार होने के लिए वक्त-
प्रतिदिन दो घंटे
खिलाड़ी- 150
प्रैक्टिस- डेढ़ घंटा प्रतिदिन
बैडमिंटन
तैयार होने के लिए वक्त-
छह से आठ माह
खिलाड़ी- 120
प्रैक्टिस- दो से ढाई घंटा प्रतिदिन
फुटबॉल
तैयार होने के लिए वक्त
कम से कम दो साल
खिलाड़ी- 35
प्रैक्टिस- दो से ढ़ाई घंटा प्रतिदिन
साइकिलिंग
तैयार होने के लिए वक्त
तीन से साढ़े तीन साल
खिलाड़ी- 60
प्रैक्टिस- दो से ढ़ाई घंटा प्रतिदिन
शूटिंग
तैयार होने के लिए वक्त:- कम से कम दो साल
खिलाड़ी- 50
प्रैक्टिस-दो घंटा प्रतिदिन
वुशू
तैयार होने के लिए वक्त
कम से कम ढाई साल
खिलाड़ी- 80
प्रैक्टिस- तीन से चार घंटा प्रतिदिन
हॉकी
तैयार होने के लिए वक्त-
तीन से चार साल
खिलाड़ी- 70
प्रैक्टिस- तीन से चार घंटा प्रतिदिन
इनका कहना है कि
शहर में विभिन्न खेलों के लिए सैकड़ों खिलाड़ी तैयार किए जाते हैं। शहर के कई खिलाडि़यों ने विश्वस्तर पर नाम कमाया है और कई प्रतियोगिताओं में देश का
परमच लहराया है।
विश्वजीत घोष,
सचिव, ओलंपिक संघ
ये लहरा चुके हैं अंतराष्ट्रीय स्तर पर परचम
तीरंदाजी-मुस्कान किरार, शिवांश अवस्थी
शूटिंग-महिला अग्रवाल, श्रेया अग्रवाल