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जबलपुर पुलिस ने पकड़ा बड़ा जालसाज

locationजबलपुरPublished: Jul 04, 2021 11:16:00 am

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-सौ से ज्यादा लोगो संग कर चुका है जालसाजी-मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान राशि दिलाने के नाम कर करता रहा फ्रॉड

जालसाज

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जबलपुर. स्थानीय पुलिस ने एक बड़ा जालसाज गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार युवक पर जरूरतमंद गरीब लोगों को ठगने का आरोप है। शुरूआती जांच में पता चला है कि वह लोगों को सीएम फंड से स्वेच्छा अनुदान राशि दिलाने के नाम पर ठगी करता था। फिलहाल पुलिस ने उसे एक दिन की रिमांड पर लिया है।
दरअसल पुलिस उस युवक को तलाश रही थी जो कुछ ही दिन पहले लार्डगंज थाना क्षेत्र के एक सर्विर सेंटर से बाइक लेकर भाग गया था। इस संबंध में थाना क्षेत्र के नया मोहल्ला निवासी मोहम्मद असलम ने अंशु उर्फ अंशुल तिवारी के खिलाफ बाइक लेकर भागने की शिकायत दर्ज कराई थी। असलम ने पुलिस को बताया था कि उसकी उखरी रोड पर बाइक सर्विस सेंटर है। 21 दिसंबर की शाम 6 बजे अंशु वहां आया और पास के एटीएम तक जाने के लिए बाइक मांगी। असलम के मुताबिक वह अंशु को पहले से जानता था इसलिए बाइक दे दी। लेकि अंशु पांच मिनट का बोलकर वह उसकी बाइक लेकर निकला पर फिर वापस नहीं लौटा। लार्डगंज पुलिस ने मामले में अमानत में ख्यानत का प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया था।
लार्डगंज पुलिस ने बाइक लेकर भागने वाले आरोपी की तलाश में मोबाइल नंबर के आधार पर उसका लोकेशन तलाशा तो वह सागर के मकरोनिया का निकला। इस पर यादव कॉलोनी चौकी प्रभारी अभिलाष मिश्रा की अगुवाई में आरक्षक विकास, विजय व मानेंद्र की टीम सागर भेजी गई। टीम ने ज्योति नगर मकरोनिया सागर से आरोपी अंश उर्फ अंशुल को दबोच लिया।
अंशु की गिरफ्तारी की सूचना पाकर शताब्दीपुरम शहनाई गार्डन के सामने रहने वाले रामशरण चौकसे सहित अन्य लोग थाने पहुंचे। उन्होंने बताया कि ईडब्ल्यूएस बिल्डिंग के जी ब्लाक में 12 नंबर फ्लैट में अंशु किराए पर आशीष मिश्रा के नाम से रहता था। उसने 100 से अधिक लोगों को मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान राशि के तहत ढाई से तीन लाख रुपए दिलाने का झांसा दिया और सभी से 10-10 हजार रुपए, फोटो, आधार कार्ड, बैंक पासबुक की फोटो कापी ले लिया था। 14 नवंबर 2020 को वह कमरा खाली कर चला गया।
आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ अंशु उर्फ अंशुल तिवारी के झांसे में फंसकर 23 जुलाई 2020 को रामशरण चौकसे, गीता पांडेय, संजीव अग्रवाल, विनोद कुमार, गुलाब बाई सहित 100 से अधिक लोगों ने 10-10 हजार रुपए दिए थे। सभी ने उसके बैंक खाते में ऑनलाइन रुपए जमा किए थे। आरोपी ने 28 दिन के अंदर पैसे मिलने का भरोसा दिया था। डेढ़ महीने बाद भी पैसे नहीं मिलने पर पीड़ित उससे मिलने पहुंचे तो उसने राशि एप्रुवल की पोस्ट का मेसेज मोबाइल से भेजा। इस मैसेज में 1.80 से 2.50 लाख रुपए मिलने का जिक्र था।
दीवाली तक किसी के खाते में पैसे नहीं आए। वह कमरा छोड़कर भाग गया। मोबाइल और मैसेज का भी कोई जवाब नहीं देता था। इस मामले में लार्डगंज पुलिस ने आरोपी के खिलाफ 3 जुलाई शनिवार को अलग से धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। टीआई लार्डगंज प्रफुल्ल श्रीवास्तव के मुताबिक आरोपी शातिर है। उससे पूछताछ जारी है। कोर्ट से उसकी रिमांड अवधि बढ़ाने की तैयारी है।
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