जबलपुर

दिल्ली में दिखेगी धनुष तोप की ताकत

सेना के पास सबसे शक्तिशाली तोप में शामिल धनुष का शौर्य इस बार भी दिल्ली में गणतंत्र दिवस की परेड में देखने को मिलेगा। गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) से एक तोप इस समारोह के लिए भेजी गई है। इस मौके पर इसकी क्षमताएं देश और दुनिया के लोगों को बताई जाएंगी। पहले भी यह तोप परेड का हिस्सा बन चुकी है, लेकिन ऑर्डनेंस फैक्ट्रीज के निगमीकरण के बाद यह पहला मौका होगा।

जबलपुरJan 18, 2022 / 11:58 am

gyani rajak

dangerous cannon of India

जबलपुर. सेना के लिए हथियारों के उत्पादन में जबलपुर अग्रणी शहरों में है। इन उत्पादों में एक 155 एमएम 45 कैलीबर धनुष तोप भी शामिल है। 38 से 40 किमी की दूरी तक गोला दागने वाली यह तोप अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है। शहर की सबसे पुरानी आयुध निर्माणी जीसीएफ में इस तोप को विकसित किया गया है।इसी के सामान यहां पर दूसरी तोप भी तैयार की गई है। यह तोप है 155 एमएम 45 कैलीबर शारंग तोप। हालांकि इस तोप को परेड में शामिल नहीं किया जा रहा है।

फैक्ट्री की टीम भी राजधानी में-
इस तोप को स्वदेशी हथियारों के रूप में शामिल कि या जाता है, क्योंकि इसका उत्पादन पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से किया गया है। भारत में ही निर्मित 90 फीसदी से ज्यादा कलपुर्जे इसमें उपयोग किए जा रहे हैं। भारत की सीमा व भौगोलिक स्थिति के लिहाज से भी यह उपयुक्त तोप है। इस तोप के साथ जीसीएफ की एक टीम भी भेजी गई है। यह टीम नियमित रूप से होने वाली परेड में शामिल हो रही है।

हर महीने बनना हैं तीन तोप
अभी तक सेना को 17 से अधिक तोप सौंपी जा चुकी हैं। आयुध निर्माणियों के निगम में तब्दील होने के बाद इसके उत्पादन को गति देने की योजना भी बनाई गई है। इस साल से हर महीने तीन तोप तैयार करने का लक्ष्य तय किया गया है।

गणतंत्र दिवस परेड के लिए इस साल भी जीसीएफ से धनुष तोप को भेजा गया है। यह हमारा उत्कृष्ट उत्पाद है। इसका नियमित उत्पादन और परीक्षण भी किया जा रहा है।

संजय श्रीवास्तव, जनसम्पर्क अधिकारी जीसीएफ

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