-9 लिंक सड़क समेत गोलबाजार मुख्य सड़क में ड्रेनेज -यूटिलिटी डक्ट का निर्माण जारी इन सड़कों के किनारे ड्रेनेज व यूटिलिटी डक्ट का निर्माण कार्य शुरू हुए 6 महीने से ज्यादा समय हो गया पर किसी भी छोर में काम पूरा नहीं हो सका है। तकनीकी जानकारों का मानना है की बरसात के पहले ड्रेनेज और स्मार्ट सड़कों का निर्माण कार्य पूरा नहीं होता है तो इन इलाकों में भयंकर जलभराव के हालात बनेंगे।
घमापुर से रांझी स्मार्ट सड़क -24 करोड़ निर्माण लागत -5 साल पहले शुरू हुआ था निर्माण -300 मीटर का निर्माण बाकी घमापुर चौराहा छोर पर -9 किलोमीटर लंबी है सड़क
वर्तमान िस्थति- मार्ग में सुलभ कॉम्पलेक्स के समीप पुलिया का निर्माण बाकी है। आगे की ओर घमापुर चौराहा छोर पर भी सड़क निर्माण कार्य अटका हुआ है। सड़क में इस छोर पर बॉटलनेक बन गया है।
ब्लूम चौक से मदनमहल थाना स्मार्ट सड़क- -6 करोड़ 30 लाख निर्माण लागत -2800 मीटर लंबाई -7 मीटर चौड़ाई -2 साल पहले मार्ग के किनारे से शासकीय व निजी प्रतिष्ठान की बाउंड्रीवॉल हटाई
वर्तमान िस्थति- ब्लूम चौक से होम साइंस कॉलेज होते हुए मदनमहल थाना सड़क के किनारे की ड्रेनेज व्यवस्था चौपट हो गई है। मार्ग में कई लोगों की जलापूर्ति लाइन भी प्रभावित हो गई। मार्ग में अभी तक ड्रेनेज निर्माण कार्य भी पूरा नहीं हो सका है। --
गोल बाजार स्मार्ट सड़क -32 करोड़ निर्माण लागत -3 किलोमीटर लंबी सड़क का होना है निर्माण -18 मीटर सड़क की चौड़ाई -1 मुख्य व 9 लिंक सड़कों का होना है निर्माण
वर्तमान िस्थति- गोल बाजार के चारों ओर मुख्य सड़क व नौ लिंक सड़कों के निर्माण के लिए चारों ओर खुदाई की गई है। हर तरफ मलबा व निर्माण सामग्री का ढेर लगा है। प्रोजेक्ट में ड्रेनेज व यूटिलिटी डक्ट का निर्माण कार्य बहुत ही सुस्त गति से हो रहा है।
वर्जन- स्मार्ट सड़कों के निर्माण का ज्यादातर काम बरसात के पहले पूरा हो इसके लिए निगरानी बढ़ाई गई है, अब रात में भी साइट्स पर काम जारी है। कुछ ठेकेदारों पर धीमी गति से काम करने को लेकर जुर्माना की कार्रवाई भी की गई है। रवि राव, प्रशासनिक अधिकारी, स्मार्ट सिटी
गोल बाजार इलाके में हर साल बरसात के दिनों में जलभराव की िस्थति बनती है। स्मार्ट सड़क निर्माण कार्य के लिए चारों ओर खुदाई की गई है। प्रोजेक्ट में ड्रेनेज व यूटिलिटी डक्ट निर्माण कार्य बहुत ही धीमी गति से हो रहा है ये ही रफ्तार रही तो बरसात में भयंकर जलभराव के हालात बनेंगे।
सुनील जैन, स्ट्रक्चर इंजीनियर