4.5 करोड़ रुपए नगर निगम के खजाने में जमा, रसातल में समा रहा जल
जबलपुर। शहर में भूगर्भीय जल के अंधाधुंध दोहन से भू जल स्तर रसातल में समा रहा है। नगर निगम से लेकर बड़े व्यवसायिक संस्थान हाईडेंट, ट्यूबवेल के माध्यम से बड़े पैमाने पर भू जल निकाल रहे हैं। लेकिन वर्षा जल सहेजने और उस अनुपात में भूजल संवर्धन के ठोस प्रयास नहीं हो रहे हैं।
जबलपुर
Updated: May 17, 2022 12:52:24 pm
वाटर हार्वेस्टिंग के लिए प्रावधान)
भवन निर्माण का क्षेत्रफल, जमा राशि,
-140-200 वर्गमीटर, 7 हजार,
-200-300 वर्गमीटर, 10 हजार,
-300-400 वर्गमीटर, 12 हजार,
-400 से ज्यादा वर्गमीटर, 15 हजार
भूगर्भीय जलकर का जमकर दोहन-
-2048 हैंडपंप नगर में
-988 ट्यूबवेल हैं निगम के
-12 हाईडेंट
यहां हैं जलसंवर्धन की संभावनाएं
-16 जोन कार्यालय परिसर व निगम मुख्यालय
-200 शासकीय स्कूल भवन
-250 निजी स्कूल भवन
-15 शासकीय कॉलेज भवन
-60 निजी कॉलेज भवन
-6 विश्वविद्यालय परिसर
-175 के लगभग टाउनशिप
-90 से ज्यादा शासकीय भवन
नतीजतन भू जल रसातल में समा रहा है। नगर निगम के खजाने में जल संवर्धन मद के साढ़े चार करोड़ जमा हैं, पर इस राशि का कोई उपयोग नहीं हो रहा है।
राशि जमा कराने का प्रावधान
निगम सीमा में किसी भी नए भवन निर्माण के समय नक्शा स्वीकृति के दौरान निर्माता को क्षेत्रफल के अनुपात में जल संवर्धन मद की राशि जमा कराना होती है। जल संवर्धन इकाई विकसित कर लिए जाने पर उक्त राशि वापस करने का प्रावधान है। ज्यादातर लोग भवन निर्माण के दौरान इस मद की राशि निगम के खाते में जमा करा देते हैं, लेकिन वे जल संवर्धन इकाई विकसित नहीं करते। चौहानी में विकसित की इकाई चौहानी मुक्तिधाम के समीप निगम प्रशासन ने स्मार्ट सिटी के तहत दो साल पहले जल संवर्धन इकाई विकसित की थी। जिससे की बारिश के दौरान पहाड़ी का पानी भूगर्भ में पहुंचाया जा सके।
वर्जन-
शहर में तेजी से भूजल स्तर कम हुआ है ऐसे में भू जल संवर्धन की बड़ी आवश्यकता है इसके लिए जल्दी प्रयास शुरू करेंगे। भवन निर्माण के दौरान लोग जल संवर्धन इकाई विकसित करें इसके लिए उन्हें जागरूक करने के कार्यक्रम भी आयोजित करेंगे।
कमलेश श्रीवास्तव, कार्यपालन यंत्री, नगर निगम

Water problem
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