-4.50 किलोमीटर में बिछाई केबल -1 किलोमीटर में काम जारी -1500 के लगभग उपभोक्ता हैं क्षेत्र में गोल बाजार क्षेत्र -3 किलोमीटर लंबाई -37 करोड़ लागत - यूटिलिटी डक्ट का काम जारी
फेस 3- नौदराब्रिज से तैय्यब अली चौक होते हुए घंटाघर- -2.50 किलोमीटर लंबाई -35 करोड़ लागत - नए फीडर पैनल व कनेक्शन देने का काम जारी -3 महीने में नए सिस्टम से बिजली कनेक्शन का दावा
प्रभाकर मिश्रा@जबलपुर। शहर के कुछ इलाकों को बिजली के केबल और पोल से मुक्ति दिलाने के सपने दिखाए गए। अंडरग्राउंड इलेक्ट्रिफिकेशन की बात कही गई। तीन साल में इस प्रोजेक्ट पर करोड़ों रुपये खर्च भी हो गए, लेकिन अब तक स्मार्ट सिटी के एबीडी एरिया में किसी एक जगह भी काम पूरा नहीं हो सका है। नतीजतन हर तरफ बिजली के केबल-तार झूल रहे हैं। प्रोजेक्ट से जुड़ी कंपनियों के इंजीनियरों का कहना है की अभी भी ये काम पूरा होने में लगभग एक साल का समय लगेगा। पूरी तरह से अंडरग्राउंड इलेक्ट्रिफिकेशन सिस्टम चालू हो जाने के बाद भी बरसात का एक सीजन टेस्टिंग के लिए रिजर्व रखा जाएगा। इसके बाद ही बिजली के पोल व केबल हटाए जा सकेंगे।
स्मार्ट सिटी के एबीडी एरिया में स्मार्ट सड़कों के निर्माण के साथ ही अंडरग्राउंड बिजली, पानी की पाइप लाइन, ड्रेनेज, दूर संचार कंपनियों के केबल बिछाने का काम भी किया जाना है। तीन फेस में अलग-अलग इलाकों में ये काम किया जा रहा है। लेकिन इलेक्ट्रिफिकेशन का काम कहीं भी पूरा नहीं हो सका है। फेस 1 व 3 में काफी दूर तक अंडरग्राउंड केबल बिछाई जा चुकी है। लेकिन नए ट्रांसफार्मर लगााने, नए फीडर पैनल लगाने और उपभोक्ताओं को कनेक्शन देने का काम अब तक नहीं हो सका है।
फेस 1 राइट टाउन व फेस 2 गोल बाजार में ये काम पूरा होने में लगभग 1 साल का समय लगने की बात कही जा रही है, जबकि फेस 3 नौदराब्रिज से घंटाघर इलाके में लगभग चार महीने में नए सिस्टम से उपभोक्ताओं को बिजली देने का दावा किया जा रहा है। एक काम कई एजेंसियां तकनीकी जानकारों की मानें तो एबीडी एरिया में अंडरग्राउंड इलेक्ट्रिफिकेशन में ज्यादा समय लगने का कारण कई एजेंसियों के शामिल होने को बताया जा रहा है। प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों का कहना है की अतिक्रमण, समय पर जमीन खाली न मिलने, भूमि स्वामियों से जमीन लेने, कुछ काम के लिए बिजली विभाग पर निर्भर होने जैसे कारणों से काम प्रभावित हुआ। इसके अलावा काेरोना की पहली लहर में श्रमिक नहीं मिलने के कारण काम प्रभावित होने को भी प्रोजेक्ट में विलंब का कारण बताया जा रहा है।
वर्जन- स्मार्ट सड़क के साथ ही अंडर ग्राउंड ड्रेनेज, पानी की नई पाइप लाइन बिछाने, यूिलिटी डक्ट का निर्माण कर अंडरग्राउंड इलेक्ट्रिफिकेशन के काम में कई एजेंसियां शामिल थीं, इसके अलावा जमीन की उपलब्धता में भी समय लगा। पूरे प्रोजेक्ट की पूर्णता में लगभग 1 साल का समय लगेगा। इसके बाद ही पोल और केबल हटाए जाने का काम हो सकेगा। कमलेश श्रीवास्तव, अधीक्षण यंत्री, नगर निगम