एसटीएफ और डब्ल्यूसीसीबी की टीम ने खमरिया थाने के पुराने भवन के पास तेंदुए की खाल लेकर बेचने पहुंचे तस्कर को गिरफ्तार किया
जबलपुर•May 29, 2019 / 12:11 am•
santosh singh
तेंदुए की खाल, चार पंजे, मूंछ व नाखून जब्त
जबलपुर। वन्य प्राणियों के शिकार में संलिप्त अंतराज्यीय गिरोह के एक गुर्गे को एसटीएफ और डब्ल्यूसीसीबी की संयुक्त टीम ने खमरिया थाने के पुराने भवन के पास से दबोचा। आरोपी के पास से तेंदुए की खाल, चार पंजे, मूंछ व नाखून जब्त किए गए हैं। संतकबीर नगर (यूपी) निवासी आरोपी तेंदुए की खाल बेचने जबलपुर आया था। जब्त खाल व अंगों की अंतराराष्ट्रीय कीमत 50 लाख रुपए बतायी जा रही है।
बैग में लेकर आया था तेंदुआ खाल
एसटीएफ निरीक्षक गणेश सिंह ठाकुर ने बताया कि आरक्षक विनोद पटेल मंगलवार को मुखबिर से सूचना मिली कि संतकबीर नगर निवासी सद्दाम हसन जबलपुर में तेंदुए की खाल बेचने के लिए आया है और पुराना खमरिया थाना भवन के पास खड़ा है। इस सूचना पर एसटीएफ व डब्ल्यूसीसीबी (वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो) जबलपुर के निरीक्षक देवेन्द्र सिंह राठौर, आरक्षक दिलबहार सिंह आदि की संयुक्त टीम ने मौके पर दबिश दी और उसे दबोच लिया। आरोपी ने बैग में तेंदुए की खाल व अन्य अंग लपेट कर रखे थे।
56 इंच लम्बा है खाल
जब्त खाल की लम्बाई 56 इंच और चौड़ाई 14 इंच है। वन विभाग के विशेषज्ञों के मुताबिक ये वयस्क तेंदुआ रहा होगा। खाल में कहीं भी कोई कट का निशान नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि या तो इसे जहर देकर या करंट से मारा गया होगा। इसकी फारेंसिक जांच में मौत की वजह सामने आएगी। प्रकरण में डब्ल्यूसीसीबी ने वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत विभिन्न धाराओं में कार्रवाई की है। एक टीम जल्द ही आगे जांच के लिए यूपी जाएगी।
तेंदुए के नाखून का यह होता है उपयोग
तेंदुए की खाल सहित उसके नाखून, जबड़े, दांत की मुंहमांगी कीमत मिलती है। तेंदुए ककी खाल का उपयोग पौरुष बढ़ाने वाली दवा बनाने में उपयोग होता है। वहीं नाखून का प्रयोग तंत्र-मंत्र के लिए भी होता है। अंधविश्वास के चलते इसकी मांग तांत्रिकों के बीच भी अधिक होती है।
डब्ल्यूसीसीबी करेगी जांच
एसटीएफ ने प्रकरण में एसटीएफ के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशेक के निर्देश पर खाल सहित अंगों को आगे की कार्रवाई के लिए डब्ल्यूसीसीबी को हैंडओवर कर दिया है। इस पूरी कार्रवाई में एसटीएफ के निरीक्षक सहित एएसआइ, निसार अली, रघुवीर सरौते, प्रधान आरक्षक बिनु के बरगिस, गजेन्द्र बागरी, आरक्षक विनोद पटेल, राजन पाण्डेय, गोविन्द सूर्यवंशी, मनीष तिवारी, छत्रपाल पटेल, लेखन सिंह लोधी, अंजनी पाठक, जितेन्द्र पटेल, हर्षवर्धन तिवारी ,दिलावर सिंह, ओमप्रकाश अग्निहोत्री और डब्ल्यूसीसीबी जबलपुर से निरीक्षक राठौर सहित राजीव कुमार दीक्षित, विपिन कुमार चतुर्वेदी शामिल थे।