जिले में सब्जियों का रकबा लगातार बढ़ रहा है। टमाटर उत्पादक भी बढ़े हैं। इनकी संख्या करीब हजार है। अभी की स्थिति में 14 सौ हेक्टेयर से ज्यादा रकबे में इसकी पैदावार हो रही है। उपज भी बेहतर हुई है। इसकी आवक स्थानीय बाजार में होने लगी है, लेकिन कमी बताकर कीमतें बढ़ा दी गई हैं। जिले में सबसे ज्यादा टमाटर बेंगलूरु से आता है। लेकिन, वहां फसल में खराबी आने से आपूर्ति कम हो रही है। इसका फायदा बिचौलिए उठा रहे हैं।
बाहर भेजा रहा माल
थोक सब्जी व्यापार से जुड़े जानकारों ने बताया कि जिले में होने वाले टमाटर की आपूर्ति बाहरी जिलों में भी हो रही है। वहां इसकी कीमत और ज्यादा मिलने से व्यापारी किसानों से माल खरीदकर भेज रहे हैं। बिचौलिए कीमत को यथावत रखने के लिए उसकी आपूर्ति भी बाजार में नहीं कर रहे हैं।
भटा, लौकी और मिर्ची की आवक तेज
जिले में भटा और लौकी की उपज भरपूर मात्रा में हुई है। इनकी आवक भी स्थानीय बाजार में होने लगी है। ऐसे में कीमत भी घटी है। लौकी 15 से 20 रुपए किलो हो गई है। भटा भी इतनी ही कीमत पर बिक रहा है। उद्यानिकी विभाग के आंकड़ों के अनुसार भटा लगभग 950 हेक्टेयर, तो लौकी 600 से 700 हेक्टेयर में में लगाई गई है। हरी मिर्च की पैदावार भी 800 हेक्टेयर से ज्यादा में हो रही है।