ग्रेटर रिंग रोड : तीन हजार करोड़ के भारतमाला प्रोजेक्ट से बदलेगी जबलपुर की तस्वीर
चार हाइवे और 82 गांवों के जोड़ से महानगर लेगा आकार
महाकोशल के लिए गेमचेंजर माने जा रहे इस प्रोजेक्ट का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) अंतिम दौर में है। सूत्रों की मानें तो अगस्त-सितम्बर के महीने में रिंग रोड की डीपीआर तैयार हो जाएगी। ङ्क्षरग रोड का निर्माण पांच चरण में होगा। जानकारों के अनुसार प्रोजेक्ट के तहत गोलाकार आकार के इस रिंग रोड से महानगर का हर कोना जुड़ जाएगा। इसलिए इसे पांच चरणों में पूरा करने का लक्ष्य है। निर्माण एजेंसी एनएचएआई की तकनीकी टीम के अनुसार पहले चरण में 16 किमी में सडक़ निर्माण के लिए बरसात के बाद टेंडर की प्रक्रिया की जाएगी।

यह होगा फायदा
ग्रेटर रिंग रोड का सबसे अधिक फायदा एक हाइवे से दूसरे हाइवे को चेंज करने वाले लोगों के लिए होगा। उन्हें इसके लिए शहर के भीतर भीड़ भाड़ इलाकों से गुजरने की जरूरत नहीं होगी। शहर में भी अनावश्यक दबाव घटेगा।
महानगर के विस्तार के भी अवसर बढ़ेगे। खास इलाकों में बढ़ते घनत्व व जाम की स्थिति से बचाने के लिए सरकार और प्रशासन के पास विस्तार देने के लिए ज्यादा विकल्प होंगे। इससे शहर की तस्वरी में बड़ा बदलाव आएगा।
रिंग रोड का पहले चरण में मानेगांव से बरेला के बीच निर्माण कार्य किया जाएगा। चार लेन सडक़ निर्माण के लिए सडक़ परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय की ओर से पूर्व में अधिसूचना जारी की जा चुकी है। प्रोजेक्ट की फाइनल डीपीआर तैयार की जा रही है।
- सुमेष बांझल, प्रोजेक्ट प्रभारी, एनएचएआई