जबलपुरPublished: Nov 25, 2019 11:32:56 pm
santosh singh
punishment:15 दिन की सजा और शेष, 17 हजार रुपए जुर्माना जमा करने पर माफ हो सकती है सजा, मलेशिया के मिरी शहर की पुलिस ने सोमवार को परिजन से कराई बात
Manmad Kiran with wife and daughter
जबलपुर। निजी शिपिंग कम्पनी में कार्यरत जबलपुर निवासी एमपी मनमद किरण को मलेशिया कोर्ट ने बिना वीजा के शहर में प्रवेश पर एक महीने की सजा सुनाई है। 15 दिन की सजा मनमद काट चुका है। 15 दिन की सजा माफ कराने के लिए परिजन को 17 हजार रुपए जुर्माना जमा करना होगा। सोमवार को मलेशिया के मिरी शहर की पुलिस ने मनमद की परिजन से बात करायी। परिजन इस बात से परेशान है कि वह जुर्माना की राशि कैसे मलेशिया में जमा कराए। इसे लेकर वह सोमवार को कलेक्टर भरत यादव और प्रदेश सरकार के मंत्री लखन घनघोरिया से मिलकर मामले में मदद की गुहार लगाई।
सोशल मीडिया पर मनमद को बचाने का अभियान
इधर, एमपी मनमद किरण की रिहाई को लेकर सोशल मीडिया पर उसके दोस्त और रिश्तेदारों ने अभियान चला रखा है। ट्विट के माध्यम से पीएमओ, प्रदेश सरकार, भारतीय दूतावास, विदेश मंत्रालय को मनमद की मलेशिया में गिरफ्तारी और उसकी पत्नी व बच्चों के बारे में जानकारी दी गई है। मनमद किरण की पत्नी आरती और दो वर्षीय बेटी की फोटो अपलोड कर ट्विट के माध्यम से मदद की गुहार लगाई गई है।
सजा काटने के बाद वतन लाने की चिंता में डूबे परिजन
चचेरे भाई सर्वोदय नगर निवासी नरसिंह मूर्ति ने बताया कि सोमवार दोपहर को मिरी पुलिस ने मनमद से 15 मिनट की बात करायी थी। जिसमें उसने एक महीने की सजा होने की बात कही। बताया कि 17 हजार रुपए यहां जुर्माना जमा हो जाए तो उसकी शेष 15 दिन की सजा माफ हो जाएगी। कलेक्टर व मंत्री ने आश्वस्त किया है कि प्रकरण में विदेश मंत्रालय वहां के दूतावास से बातचीत कर रास्ता निकालने में जुटा है।
यह है प्रकरण-
रानीताल सर्वोदय नगर निवासी मनमद किरण निजी शिपिंग कम्पनी डिबामा ट्रांसपोर्टटेशन सर्विसेस कम्पनी में सी-मैन है। भुवनेश्वर से 11 अगस्त को शिप में काम करने को मलेशिया गया था। 12 अगस्त का कोलालम्पुर से मिरी शहर पहुंचा था, तब उसकी बात हुई थी। तीन महीने बाद 13 नवम्बर को मलेशिया के मिरी शहर के पुलिस स्टेशन से भाई का कॉल आया और बताया कि यहां की पुलिस ने उसे बिना वीजा के शहर प्रवेश पर गिरफ्तार कर लिया है। किरण का चेचरा भाई नरसिंह मूर्ति नगर निगम में सफाई सुपरवाईजर है। उसकी शिकायत पर एएसपी राजेश त्रिपाठी ने पासपोर्ट शाखा के माध्यम से दूतावास से मामले में मदद मांगी है।