पॉलिसी का पालन नहीं
शिक्षक अनिल कुमार ने आरोप लगाए कि पहले विकलांग, बीमार व्यक्तियों को तरजीह दी जानी थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया था। सभी के संशोधन आवेदन एक साथ लिए गए। स्कूलों में पद खाली होने के बाद भी इसे दिखाया नहीं गया। शिक्षिक नमिता साहू ने कहा कि यशोदा बाई स्कूल सिहोरा में गणित के रिक्त पद पर आवेदन किया था जब स्कूल पहुंची तो पद न होने की बात कही गई बाद में दूसरे शिक्षक को पदस्थ कर दिया गया। अब संशोधन के लिए बुलाया गया। रजनी अपनी दो साल की बेटी को साथ लेकर शहपुरा से आई थी। कहा जन्माष्टमी पर आज उनका व्रत है काउंसलिंग की प्रक्रिया पहले या बाद में की जा सकती थी।
शिक्षकों ने नहीं दी सहमति
पद कम कर दिए जाने एवं अधिकांश स्कूलों में भरे बताए जाने के चलते शिक्षक खासे नाराज रहे। क्योंकि पहले किए गए आवेदन के बाद जब गुरुवार को सूची जारी की गई तो पद ही गायब थे। जिले से करीब 300 शिक्षक स्थानांतरण संशोधन के लिए काउंसलिंग में पहुंचे थे। सूची में पद कम कर दिए जाने और दूरस्थ स्कूल दर्शाने से नाराज शिक्षकों ने सहमति नहीं दी और वापस लौट गए।