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जन्माष्टमी: आपकी राशि के लिए खास है अष्टमी तिथि, इस तरह करें पूजन, चमक जाएगी तकदीर

locationजबलपुरPublished: Sep 01, 2018 07:52:02 pm

Submitted by:

Premshankar Tiwari

राशि के अनुसार पूजन की विधि और उसका फल

Janmashtami puja ka rashifal and muhurt

Janmashtami puja ka rashifal and muhurt

जबलपुर। हर राशि का अपना फल और महत्व है। इसके अनुसार यदि इष्टा पूजन किया जाए तो इसे शुभ फल के परिणाम कई गुना बढ़ जाते हैं। ज्योषिविदों ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पूजन को भी राशि के अनुसार विभाजित किया है। ज्योतिष के जानकार पं. जनार्दन शुक्ला का पं. राम संकोची गौतम का मानना है कि यदि राशि के अनुसार भगवान को पूजन वंदन किया जाए। उसी के अनुसार यदि उन्हेें भोग और नैवेद्य अर्पित किया जाए तो अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है। आइए आपको भी बताते हैं कि किस राशि के जातक को किस तरह भगवान का पूजन करना चाहिए।

राशि व पूजन विधि
मेष – जन्माष्टमी पर मेष राशि वाले जातक गाय को मीठी वस्तुएं खिलाकर श्री कृष्ण जी का पूजन करें। ऊॅ कमलनाथाय नम: मत्र का जाप करें। इससे न सिर्फ व्रत सफल होगा, बल्कि हर मनोकामना पूरी होगी।

वृष – इस राशि वाले लोग दूध व दही से कृष्णजी का भोग लगाएं। ऊं वासुदेवाय नम: का जाप करें। इस विधि से की गई पूजा न सिर्फ भगवान श्रीकृष्ण को प्रिय है बल्कि आप की हर आकांक्षा पूरी होगी।

मिथुन – अष्टमी के दिन गाय को हरी घास या पालक खिालकर एंव मिश्री का भोग लगाकर कान्हा के बाल रूप का का पूजन करें। ऊॅ गोविन्दाय नम: का जाप विशेष फलदायी है।

कर्क – जन्म अष्टमी के दिन आटे में मिश्री मिलाकर कृष्णजी को भोग लगाकर प्रसाद का वितरण करें। ऊॅ हिरण्यगर्भाय अव्यक्तरूपिणे नम: मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का जाप आपकी हर अच्छी मनोकापना पूर्ति होगी।

सिंह – भगवान श्रीकृष्ण जी को मीठे चावलों का भोग लगाकर पूजन करें। ऊॅ क्लीं जगधराये नम: का जाप करें। इससे जगत को धारण करने वाले भगवान श्री कृष्ण प्रसंन्न होंगे और मनोकामना पूरी करेंगे।

कन्या – इस राशि वाले लोग केसर मिश्रित दूध का भोग लगाकर श्रीकृष्ण का पूजन करें एवं गाय को रोटी खिलाएं। ऊॅ पीतम्बराय नम: का जाप करें। इस विधि से किया गया पूजन मनवांछित फल कर प्राप्ति कराएगा।

तुला – जन्म अष्टमी के दिन गाय को पके चावल खलाएं। इस तुला राशि वाले कृष्णजी को फलों का भोग लगाकर पूजन करें। ऊॅ श्रीं उपेन्द्राय अच्युत्ताय नम: का जाप करें।

वृश्चिक – इस राशि वाले लोग ऑटे में पनीर भरकर गाय को खिलाएंं एवं केसरिया चावलों का श्रीकृष्णजी को भोग लगाएं। ऊॅ श्रीं वत्सले नम: का जाप करें। इससे आपकी पूजा सफल होगी।

धनु – जन्माष्टमी पर धनु राशि वाले मीठे हलवे से श्रीकृष्णजी को भोग लगाकर पूजन करें। ऊॅ श्रीं देवकृष्णाय नम: उध्र्वदन्ताय नम: का जाप करें। इस विधि से किया गया पूजन विशेष लाभकारी होगा।

मकर – चने की दाल में काली मिर्च मिलाकर श्रीकृष्णजी को भोग लगाकर पूजन व अर्चन करें। ऊॅ नारायण सुर सिंधे नम: का जाप करें।

कुंभ – आज के दिन गायों को जौ का आटा खिलाएं एवं श्रीकृष्ण को हलवा पूड़ी का भोग लगाकर पूजन करें। ऊॅ लीला धाराय नम: का जाप करें।

मीन – जन्माष्टमी पर छोटे-छोटे बच्चों को बॉसुरी उपहार में दे तथा श्रीकृष्णजी को पीले वस्त्रों सजाकर लड्डुओं का भोग लगाकर पूजन व अचन करें। ऊॅ देवकी-नंदनाय नम: का जाप करें।

ये है पूजन का शुभ मुहूर्त
इस बार अष्टमी 2 सितंबर की रात 08.45 पर प्रारंभ होगी और 3 तारीख की शाम 07.08 तक रहेगी।
अष्टमी तिथि प्रारंभ – 2 सितंबर 2018 को रात 08 बजकर 45 मिनट.
तिथि का समापन – 3 सितंबर 2018 को शाम 07 बजकर 8 मिनट.
रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ- 2 सितंबर की रात्रि 8 बजकर 46 मिनट.
रोहिणी नक्षत्र का समापन – 3 सितंबर की रात 8 बजकर 03 मिनट
निशीथ काल पूजन का समय – 2 सितंबर 2018 को रात 11 बजकर 55 मिनट से रात 12 बजकर 10 मिनट तक।
व्रत का पारण – 3 सितंबर की रात 8 बजकर 03 मिनट के बाद कभी भी व्रत का समापन किया जा सकता है।

इस तरह करें पूजन
अष्टमी तिथि की रात प्राकट्योत्सव पर भगवान श्रीकृष्ण के पूजन की विधि भी बेहद सरल है। शुद्द मन से स्मरण मात्र से प्रसन्न हो जाने वाले कन्हैया के पूजन में भाव बेहद आवश्यक है। ज्योतिषाचार्य पं. राम संकोची गौतम के अनुसार अष्टमी तिथि पर प्रात: सूर्योदय से पहले स्नान करें। भगवान सूर्य को जल अर्पित करें। शाम को कन्हैया के पटचित्र, मूर्ति या तस्वीर को सामने रखें। संभवत: हो तो आसपास केले का मंडप बनाकर उसे सजाएं। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण को जल, गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत आदि से स्नान कराएं। इसके बाद उन्हें हल्दी, चावल, कुमकुम, अष्टगंध, चंदन, जनेऊ व पुष्प अर्पित करके आटे की बनी पंजीरी, मक्कन, गुड़ के लड्डुओं आदि का भोग लगाएं। कोई मंत्र नहीं बने तो मन में लगातार ओम नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करते हैं। इस विधि से पूजन करने पर कान्हा मनवांछित फल प्रदान करते हैं।

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