बता दें कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के खेल में स्थानीय पुलिस इन दोनों के शामिल होने की बात कहती रही है। साथ ही एसआईटी ने भी कहा था कि इस काले गोरखधंधे में सरबजीत का पूरा परिवार शामिल था। साथ ही सिटी हॉस्पिटल की एडमिनिस्ट्रेटर सोनिया खत्री को भी इस परे कालेकारनामें में बराबर का सहभागी माना गया था।
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चाहे मोखा के घर से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के वॉयल को तोड़ कर नाले में बहाने का मामला हो या अस्पताल के दस्तावेजों से छेड़छाड़ का मामला रहा हो, इन दोनों की सहभागिता के साक्ष्य भी पुलिस व एसआईटी को मिले थे। इसके बाद से ही यह तय माना जा रहा था कि देर-सबेर इन दोनों का जेल जाना तय है।
चाहे मोखा के घर से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के वॉयल को तोड़ कर नाले में बहाने का मामला हो या अस्पताल के दस्तावेजों से छेड़छाड़ का मामला रहा हो, इन दोनों की सहभागिता के साक्ष्य भी पुलिस व एसआईटी को मिले थे। इसके बाद से ही यह तय माना जा रहा था कि देर-सबेर इन दोनों का जेल जाना तय है।
ये भी पढें- धीरे-धीरे कसने लगा Fake Remadecivir Injection Case में फंसे मोखा पर शिकंजा गुजरात पुलिस द्वारा सपन जैन फिर सरबजीत की गिरफ्तारी के बाद नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन से जुड़े साक्ष्य मिटाने में भी इनकी बड़ी भूमिका रही। पुलिस ने जसमीत और सोनिया के पास से रेमडेसिविर इंजेक्शन एक-एक वॉयल भी जप्त कर लिया था। हालांकि पुलिस ने सिटी हॉस्पिटलकर्मी देवेश चैरसिया के कब्जे से रेमडेसिविर इंजेक्शन के 2 वॉइल जप्त की थी।