scriptआईजी भगवत सिंह चौहान ने कहा कि जावेद प्रकरण में पुलिस प्रशासन और मेडिकल के सुरक्षा कर्मियों की गम्भीर चूक हुई थी | Javed case a serious lapse, investigation is still going on in this | Patrika News

आईजी भगवत सिंह चौहान ने कहा कि जावेद प्रकरण में पुलिस प्रशासन और मेडिकल के सुरक्षा कर्मियों की गम्भीर चूक हुई थी

locationजबलपुरPublished: May 06, 2020 11:24:57 am

Submitted by:

santosh singh

पत्रिका साक्षात्कार-आईजी भगवत सिंह चौहान ने कहा कि एनएसए में निरुद्ध आरोपी के भागने में सहयोग करने वालों पर होगी कार्रवाई

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Bhagwat Singh Chauhan

जबलपुर. पुलिस महानिरीक्षक जबलपुर जोन भगवत सिंह चौहान ने कोरोना संक्रमण के बीच पुलिस की चुनौतियों, लॉकडाउन के पालन में आ रही समस्याओं और इंदौर में पत्थरबाजी के एनएसए आरोपी जावेद खान के प्रकरण सहित पुलिस चुनौतियों पर ‘पत्रिका’ ने विशेष बातचीत की। इसमें उन्होंने कहा कि जावेद प्रकरण में पुलिस प्रशासन और मेडिकल के सुरक्षा कर्मियों की गम्भीर चूक हुई थी।
सवाल-जावेद प्रकरण में किस तरह की चूक सामने आई, अब तक क्या कार्रवाई हुई?
जवाब-सुरक्षा में लगे चार आरक्षकों को निलम्बित किया जा चुका है। दो के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। एएसपी सिटी जांच कर रहे हैं। उसकी फरारी में एक मरीज और मेडिकल के कुछ कर्मियों की संलिप्तता की बात सामने आई है।
सवाल-कोरोना से जंग में पुलिस को किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा हैं?
जवाब-दो महीने से फोर्स मैदान में है। प्रदेश में सबसे पहले संक्रमण जबलपुर में आया। जोन में जबलपुर के अलावा छिंदवाड़ा में तीन केस सामने आए हैं। अन्य जिले ग्रीन जोन में हैं। जबलपुर में शुरूआती संक्रमण का प्रभाव कम था, जो अब बढ़ा है। 13 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। इस क्षेत्र को सील करके राउंड द क्लॉक ड्यूटी लगाई जा रही है।
सवाल-चांदनी चौक में कोरोना तेजी से फैला। इसमें एसटीएफ जांच की क्या स्थिति है ?
जवाब-कोरोना संक्रमण से निपटने पर अभी पूरा जोर दिया जा रहा है। यहां के कंटेनमेंट क्षेत्र में आवाजाही पर पूरी तरह रोक है। यहां तक एसटीएफ जांच का सवाल है वहां कोरोना कैसे फैला, इसके तथ्य तलाशे जा रहे हैं। अभी कोई निष्कर्ष नहीं निकला है।
सवाल-लॉकडाउन में आंशिक छूट के बाद मैदानी अमले को सोशल डिस्टेंसिंग व लॉकडाउन का पालन कराने में किन मुकिश्लों का सामना करना पड़ रहा है।
जवाब-लॉकडाउन में आंशिक छूट के चलते पुलिस को परेशानी आ रही है। कार्यालयों में भी 33 प्रतिशत कर्मचारियों को बुलाया जा रहा है। कंटेनमेंट एरिया में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन बाकी हिस्सों में कौन कहां और कैसे आ-जा रहा है? इसके लिए रोक-टोक करनी पड़ रही है।
सवाल-24 घंटे पुलिस ड्यूटी कर रही है। सडक़ पर पुलिस के भोजन मामले में हाईकोर्ट भी स्वत: संज्ञान ले चुकी है। पुलिसकर्मियों को कोरोना से संक्रमित होने से बचाने की क्या तैयारी है?
जवाब-पहले दिन से पुलिसकर्मियों को ट्रेंड किया जा रहा है। पुलिस परिवार को भी ट्रेनिंग दी गई है। संवेदनशील क्षेत्र में कर्मियों को पीपीई किट, ग्लब्स आदि लगाकर ड्यूटी के निर्देश दिए गए हैं। घर पहुंचने पर वर्दी को गर्म पानी में भिगोने, गर्म पानी पीने की सलाह दी गई है। डॉक्टर का लेक्चर भी दिलाया गया है।
सवाल-लॉकडाउन में पुलिस का रौब और रसूखदारों का पुलिस पर रौब, दोनों तरह की तस्वीर सामने आई है। इस तरह के हालात को कैसे देखते हैं?
जवाब-गोराबाजार की घटना के लिए खेद है। कोरोना संक्रमण काल में संवेदनशील ड्यूटी की जरूरत है। पुलिसिया डंडे और आम लोगों पर सख्ती के बजाय ड्यूटी के प्रति सख्ती जरूरी है। लोगों को जागरूक करने पर जोर दिया जा रहा है। जरूरत पडऩे पर ही 188 की कार्रवाई की जा रही है।
सवाल- बाहर से बड़ी संख्या में श्रमिक पहुंच रहे हैं, इनसे सुरक्षित क्षेत्रों में खतरा उत्पन्न न हो इसके लिए क्या किया जा रहा है?
जवाब-जोन में सिवनी, नरसिंहपुर व कटनी में एक भी प्रकरण नहीं है। छिंदवाड़ा में किसनलाल का प्रकरण इंदौर से जुड़ा था। उसी से दो अन्य संक्रमित हुए थे। बड़ी चुनौती अलग-अलग प्रांतों से घर वापसी कर रहे छात्र, मजदूर व नौकरीपेशा से जुड़े लोगों को लेकर है। उन्हें होम क्वारंटीन और निगरानी के लिए जिला प्रशासन ने टीम बनाई है। गांव के सरपंच, सचिव सहित अन्य लोगों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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