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दमोहनाका-मदनमहल फ्लाईओवर इंजीनियरिंग का नायाब नमूना, दिलाएगा 50 साल के लिए यातायात की समस्या से निजात!

locationजबलपुरPublished: Sep 15, 2020 08:19:27 pm

हाईटेक ड्रिल मशीन के जरिए 120 स्थानों पर की गई स्वाइल टेस्टिंगयह है स्थिति
-100 फीट गहराई तक की गई स्वाइल टेस्टिंग
-767 करोड़ निर्माण लागत
-36 महीने में 5 जुलाई तक पूरा होना है काम..
-160 पीयर पर बनेगा फ्लाईओवर-केबल स्टे ब्रिज में स्टील की रस्सी की जाएगी उपयोग
-आकर्षक बो स्टे ब्रिज होगा रानीताल क्षेत्र में-सेग्मेंटल कांक्रीट का बनेगा कुछ स्ट्रक्चर

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जबलपुर. दमोहनाका से मदन महल चौराहे के बीच बन रहा फ्लाईओवर शहरवासियों को तो यातायात की समस्या से तो निजात दिलाएगा ही, आधुनिक इंजीनियरिंग का नायाब नमूना भी पेश करेगा। रानीताल क्षेत्र में बो स्टे ब्रिज आकर्षक स्वरूप देगा। मदन महल स्टेशन पर बनने वाला केबल स्टे ब्रिज प्रदेश में सबसे बड़ा होगा। फ्लाईओवर में बनने वाली रोटरी भी खास होगी। फ्लाईओवर में कुछ स्ट्रक्चर सेग्मेंटल कांक्रीट का बनेगा। इससे ब्रिज को मजबूती मिलेगी। आकर्षक स्वरूप भी मिलेगा। विशेषज्ञों के अनुसार ये फ्लाईओवर पचास साल की जरूरतें पूरी करेगा। 120 स्थान पर की गई स्वाइल टेस्टिंगफ्लाईओवर निर्माण कार्य में जुटे तकनीकी विशेषज्ञों ने बताया कि अब तक दमोहनाका से मदन महल चौक के बीच एक सौ बीस स्थान पर स्वाइल टेस्टिंग की गई है। हाईटेक ड्रिल मशीन से सौ फीट की गहराई तक ड्रिलिंग कर स्वाइल टेस्टिंग की गई है। तीन साल में पूरा होगा कामपीडब्लूडी की टीम की निगरानी में एनसीसी कं पनी फ्लाईओवर का निर्माण कर रही है। फ्लाईओवर तैयार होने में तीन साल लगेंगे। इसके लिए रूट के भवन, केबल, पोल की शिफ्टिंग का काम जल्दी ही शुरू होना है। इसके लिए सर्वे का काम शुरू हो गया है। रूट से पानी की राइजिंग व सप्लाई लाइन की भी शिफ्टिंग की जानी है। यातायात की होगी दोहरी सुविधाऊपर फ्लाईओवर होगा तो नीचे भी उतनी ही चौड़ी सडक़ मिलेगी। ताकि, यातायात सुचारु रूप से संचालित हो सके। इसके साथ ही सहायक सडक़ों से फ्लाईओवर में आवाजाही के लिए साइड ब्रांच भी होंगी। गोल बाजार, रानीताल से गढ़ा मार्ग, महानद्दा मार्ग पर भी साइड ब्रांच होगी।
वर्जन-
दमोहनाका-मदन महल फ्लाईओवर में आकर्षक बो स्टे ब्रिज, केबल स्टे ब्रिज खास होंगे। इसके साथ फ्लाईओवर पर रोटरी प्रदेश में पहली बार बनाई जाएगी। फ्लाईओवर मेंं मजबूती के साथ आधुनिक इंजीनियरिंग भी देखने मिलेगी।
गोपाल गुप्ता, कार्यपालन यंत्री, पीडब्लूडी

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