महापौर का कहना था कि जलभराव के लिए वे सभी जनप्रतिनिधि जिम्मेदार हैं, जिनके कार्यकाल में नाले संकरे कर दिए गए। उन्हें पक्का करने के नाम पर शहर के ड्रेनेज सिस्टम से खिलवाड़ किया गया। उन्होंने कहा कि यह जल भराव भाजपा के तीन महापौर के कुशासन की देन है। जल भराव के लिए सांसद और विधायक भी जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि तीन वर्ष में जल भराव की समस्या का निदान किया जाएगा। मुद्दे को लेकर पक्ष-विपक्ष में जमकर टकराव हुआ।
पार्षद पूजा पटेल ने कहा कि गुलौआताल का पानी बदबू मार रहा है। पार्षद अर्चना सिसोदिया ने कहा कि ओमती नाला के ओवरफ्लो होने से उनके वार्ड में जेडीए की 41 नं स्कीम के आसपास के इलाकों में बाढ़ आ जाती है। पन्नी नाला से अमखेरा, राम नगर से और आसपास जलभराव होने का मुद्दा उठा। खूनी नाला ओवर फ्लो होने से अशोक नगर और आसपास जलभराव को देखते हुए नाले की चौड़ाई बढ़ाने की मांग की गई। पार्षद वकील अंसारी ने भी उनके क्षेत्र में जलभराव का मुद्दा उठाया। पार्षद शफीक हीरा ने ड्रेनेज निर्माण और राजीव आवास योजना के तहत हुए निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।
-पार्षद अंशुल यादव ने मुद्दा उठाया कि कछपुरा क्षेत्र से अतिक्रमण हटाया जाए। इससे नया रास्ता मिलेगा।
बैठक स्थगित भोजन अवकाश के बाद सदन की बैठक शुरू हुई तो सत्ता पक्ष से महापौर, एमआइसी सदस्य कोई भी नहीं थे। ऐसे में विपक्ष की मांग पर निगम अध्यक्ष रिंकू विज ने 8 मई को सुबह 11 बजे तक के लिए सदन की बैठक स्थगित कर दी।