अध्यापकों को लगा तगड़ा झटका, जेडी-प्राचार्य कर सकेंगे पढ़ाई
प्रदेश के आठ जिलों में सीटें निर्धारित, कनिष्ठ अध्यापक व संविदा शिक्षक नहीं होंगे पात्र

ऐसे किया सीटों का बंटवारा
प्रगत शैक्षिक अध्ययन संस्थान जबलपुर
कुल सीट-20
जिले-09
स्कूल शिक्षा विभाग-15
आदिवासी विकास विभाग-05
राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान
कुल सीट-50
जिले-52
स्कूल शिक्षा विभाग-35
आदिवासी विकास विभाग-15
जबलपुर। एमएड एवं एमएड साइंस की प्रवेश नीति में इस बार बदलाव किया गया है। प्रवेश प्रक्रिया से अध्यापकों को बाहर किया गया है। नई प्रक्रिया में अब उच्च श्रेणी शिक्षक, अध्यापक एवं अध्यापक मिडिल स्कूल एमएड नहीं कर सकेंगे। खाली सीटें भी बाहरी लोगों से नहीं भरी जाएंगी। बल्कि, दूसरे विभागों से भरी जाएंगी। सहायक संचालक से लेकर प्राचार्य भी एमएड में प्रवेश ले सकेंगे। प्रदेश में विभागीय शिक्षकों एवं प्राचार्य, व्याख्याताओं के लिए करीब 340 सीटें आरक्षित की गई हैं। प्रवेश प्रक्रिया में बदलाव से विरोध के स्वर उठने लगे हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग की होंगी 230 सीटें
स्कूल शिक्षा विभाग के लिए 230 सीटें आरक्षित की गई हैं। आदिवासी विकास विभाग के लिए 110 सीटें हैं। प्रगत शैक्षिक अध्ययन संस्थान जबलपुर में केवल 20 सीटें दी गई हैं। जबकि, इसमें प्रवेश के लिए जबलपुर, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी, कटनी, नरसिंहपुर, बैतूल और छिंदवाड़ा जिले के लोग आवेदन कर सकेंगे। राज्य विज्ञान में केवल 50 सीटों के लिए प्रदेश भर से आवेदन लिए जाएंगे। संविदा शिक्षक भी पात्र नहीं होंगे। बीच में ही पाठयक्रम छोडऩे वालों को दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
प्रदेश के ये संस्थान शामिल
राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान जबलपुर, प्रगत शैक्षिक अध्ययन संस्थान भोपाल, प्रगत शैक्षिक अध्ययन संस्थान जबलपुर, शासकीय शिक्षा महाविद्यालय उज्जैन, शासकीय शिक्षा महाविद्यालय ग्वालियर, शासकीय शिक्षा महाविद्यालय रीवा, शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय खंडवा एवं शासकीय शिक्षा महाविद्यालय छतरपुर शामिल हैं।
जिले में सीटों की स्थिति
प्रगत शैक्षिक अध्ययन संस्थान जबलपुर में सहायक संचालक, प्राचार्य उमावि एवं प्राचार्य हाईस्कूल के लिए केवल पांच सीटें होंगी। वरिष्ठ व्याख्याता, व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापकों के लिए 10 सीटें होंगी। आदिवासी विकास विभाग के लिए दो और तीन सीटों का प्रावधान है। राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान में सहायक संचालक, प्राचार्यों के लिए 15 एवं वरिष्ठ व्याख्याता, व्याखायात, वरिष्ठ अध्यापक के लिए 20 सीट आरक्षित हैं। आदिवसी विकास विभाग में पांच और 10 सीटें होंगी।
एमएड के लिए प्रवेश प्रक्रिया में काफी बदलाव किए गए हैं। इस बार अध्यापकों को प्रवेश की पात्रता से अलग कर दिया गया है। निश्चित ही ऐसे में सीटों पर असर पड़ेगा। राज्य शिक्षा केंद्र स्तर पर यह निर्णय हुआ है।
-दिनेश अवस्थी, प्राचार्य स्टेट साइंस एजुकेशन
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