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students ने मांगी टेक्नीकल यूनिवर्सिटी, नहीं बनाया तो खाना-पीना छोडऩे की चेतावनी

locationजबलपुरPublished: Dec 09, 2017 10:08:00 am

Submitted by:

deepankar roy

जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज की बजाय दूसरे शहर में प्रौद्योगिकीय विश्वविद्यालय की स्थापना के प्रयास से नाराज है छात्र

Engineering College will be made

Engineering College will be made

जबलपुर। जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज की जगह टेक्नीकल यूनिवर्सिटी को दूसरे शहर में स्थापित किए जाने के प्रयासों पर छात्र-छात्राओं का गुस्सा फूट गया है। जेईसी को विश्वविद्यालय का दर्जा देने में लापरवाही और खींचतान को लेकर छात्रों ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया। राज्यपाल के नाम उपायुक्त डॉ. निमिषा जैसवाल को ज्ञापन सौंपा और मुख्यमंत्री से अपना वादा निभाने की मांग की। ऑल इंडिया स्टूडेंट टैक्नीकल फेडरेशन ने चेतावनी दी है कि टेक्नीकल यूनिवर्सिटी को कहीं और ले जाने का प्रयास किया गया तो छात्र अनशन, भूख हड़ताल और आत्मदाह जैसे कदम उठाने से पीछे नहीं रहेंगे।

रीवा में विवि बनाने की तैयारी
ऑल इंडिया स्टूडेंट टैक्नीकल फेडरेशन के अध्यक्ष पंकज भोज ने कहा कि जबलपुर में इंजीनियिरिंग कॉलेज को मिलने वाला दर्जा छीनने की कोशिश की जा रही है। टैक्नीकल यूनिवर्सिटी को रीवा ले जाने का प्रयास किया जा रहा है। जेईसी के साथ हो रहे इस राजनीतिक षड्यंत्र को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जेईसी से पहले से विवि का हकदार रहा है। लेकिन कमजोर राजनीतिक नेतृत्व की वजह से जेईसी को उसका उचित दर्जा आज तक नहीं मिल पाया है।

जनप्रतिनिधियों पर नाराजगी
संगठन के भरत मूडि़या, रूबल जैन, अमित शर्मा, अनुराग तिवारी, मनीष गुप्ता, अभिषेक पटेल आदि ने कहा कि इस मामले को लेकर शहर के जनप्रतिनिधि गहरी निंद्रा में लीन हैं। जबलपुर की जनता और छात्रों के साथ खिलवाड़ और कुठाराघात है। इसे बर्दाश्त नहीं करंेगे। इस मामले में जगाने के लिए जनप्रतिनिधियों के दरवाजे भी खटखटाएंगे। उन्हें विधानसभा में पारित किए गए उस संकल्प को भी याद कराया जाएगा जिसमें जेईसी को विवि बनाने की बात कही गई है।

सालभर से लंबित है प्रस्ताव
विदित हो कि शोभापुर ओवरब्रिज के उद्घाटन के समय सीएम ने जेईसी को विवि का दर्जा दिए जाने सम्बंधी घोषणा की थी। तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा भी सहमति प्रदान कर दी गई। शासन द्वारा ३०० करोड़ का प्रस्ताव भी बुलवाया गया। करीब साल भर से इस प्रस्ताव को अनुमति नहीं दी गई। अब विवि के प्रस्ताव पर खींचतान शुरू हो गई है। सरकार राजनीतिक फायदे के लिए विवि को जबलपुर की बजाय रीवा में बनाने की कवायद कर रही है। प्रदेश के सबसे पुराने इंजीनियरिंग कॉलेज के कद को न बढ़ाकर शहर के साथ भेदभाव किया जा रहा है।

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