इंजीनियरिंग कॉलेजों में पर्याप्त सुविधा- एक कोचिंग के सुनील चौरसिया ने बताया कि इंजीनियरिंग कॉलेजों की लैब में तमाम सुविधाएं हैं। परीक्षाएं भी इसी तरह के सेंटर में होती हैं। एेसे में फाइनल एग्जाम की तर्ज पर ऑनलाइन टेस्ट लिया जा रहा है। पहली शिफ्ट सुबह ९ बजे से और दूसरी शिफ्ट दोपहर २ बजे से लगाई गई। कई संस्थानों में मॉक टेस्ट हुए।
घर बैठे भी ऑनलाइन टेस्ट सीरीज
एक्सपर्ट दिनेश मिश्रा ने बताया कि स्टूडेंट्स की प्रिपरेशन ही ऑनलाइन मोड पर करवाई गई है। इसके साथ ही प्राइवेट कॉलेजों की लैब में प्रैक्टिस करवाई जा रही है और स्टूडेंट्स अपने घरों में भी मॉक टेस्ट दे रहे हैं। जेइइ एडवांस की वेबसाइट पर ऑनलाइन टेस्ट सीरीज अवेलेबल है, जिससे स्टूडेंट्स की अच्छी प्रिपरेशन हो रही है।
प्रिपरेशन टिप्स
छह घंटे कंटीन्यू सिटिंग की जरूरत- एडवांस के टेस्ट पेपर सॉल्व करने से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे कंटीन्यू बैठने की क्षमता विकसित होगी, क्योंकि तीन-तीन घंटे की परीक्षा दो शिफ्ट में होनी है।
एग्जाम के आखिरी दिन जितने महत्वपूर्ण होते हैं, यह उतने स्ट्रेसफुल भी साबित हो सकते हैं। कोशिश ये करें कि खुद को किसी भी स्ट्रेस से दूर करें।
आखिरी दिनों में किसी भी नए टॉपिक को पढऩे से बचें।
वीक टॉपिक की लिस्ट बनाकर उन पर फोकस करें।
ज्यादा से ज्यादा क्वेश्चन सॉल्व करें, क्योंकि एडवांस में ज्ञान के साथ-साथ स्पीड भी बहुत मायने रखती है। क्वेश्चन को टाइम लिमिट में सॉल्व करें। इसके बाद आन्सर्स टैली कर खुद को पकड़ का आकलन करें।