script

आपस में जुड़ेंगी मंडियां, ऑनलाइन लगेगी बोली

locationजबलपुरPublished: Aug 26, 2017 05:42:00 pm

Submitted by:

Premshankar Tiwari

अभी स्थानीय स्तर पर अनाज की ऑनलाइन बोली

 Mandi's joint, find online bids

Mandi’s joint, find online bids

जबलपुर। प्रदेश की सभी कृषि उपज मंडियां राष्ट्रीय कृषि बाजार (एनएएम) से जुड़ेंगी। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसका लाभ उन किसानों को होगा, जो अपनी उपज नीलामी के लिए मंडी लाते हैं। वर्तमान में स्थानीय स्तर पर उपज की ऑनलाइन नीलामी की प्रक्रिया है। लेकिन, इसमें प्रदेश के दूसरे जिलों के व्यापारी भाग नहीं लेते। इसलिए किसानों को अपेक्षाकृत लाभ नहीं मिल पाता। कई किसानों को इस प्रक्रिया की ज्यादा जानकारी भी नहीं है। मंडी प्रशासन इसके लिए किसानों को जागरूक भी नहीं कर रहा।
राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना शुरू
विजय नगर स्थित सम्भाग की सबसे बड़ी कृषि उपज मंडी में राष्ट्रीय कृषि बाजार की योजना शुरू हुए आठ माह से ज्यादा हो गए हैं। इस योजना का उद्देश्य है कि किसान अपनी उपज को ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया में शामिल कर सकते हैं। देश के किसी भी कोने में बैठा व्यापारी उस उपज को देखकर वहीं से बोली लगा देगा। इससे किसानों को अधिक लाभ होगा।
ऑनलाइन में ये फसलें शामिल
सोयाबीन, सरसों, बासमती धान, मक्का, अलसी एवं तिली।
एेसे होती है नीलामी
इसमें मंडी के रजिस्टर्ड व्यापारी शामिल होते हैं। यह निश्चित अवधि के लिए शुरू होती है। राष्ट्रीय कृषि बाजार के पोर्टल पर किसानों की उपज को प्रदर्शित किया जाता है। बोली के लिए प्रारम्भिक मूल्य दर्शाया जाता है। इसी आधार पर बोली लगाई जाती है। जिस व्यापारी की ओर से सर्वाधिक बोली लगाई जाती है, उसे उपज दी जाती है। वहीं किसान को उसके खाते में उपज की राशि स्थानांतरित कर दी जाती है। जबकि, परम्परागत बोली के दौरान राशि के लिए कई प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। इस योजना का सबसे बड़ा फायदा उपज का सही मूल्य मिलना है।
अभी यह है स्थिति
850 किसान ले चुके हैं बोली लगने का लाभ।
02 करोड़ रुपए से ज्यादा का किया गया है भुगतान।
27 सौ क्विंटल सबसे ज्यादा सरसों की नीलामी।
528 किसानों ने अपनी सरसों को ऑनलाइन बेचा।
05 से 08 क्विंटल अनाज की ऑफ सीजन में बोली।
07-08 हजार क्विंटल अनाज की मंडी में प्रतिदिन आवक।
10 से 15 हजार क्विंटल सीजन में आता है अनाज।
500 से ज्यादा किसान वर्तमान में रोजाना आते हैं मंडी।
1000 से हो जाती है सीजन में संख्या।
ऐसे हैं हालात
अभी कृषि उपजमंडी में स्थानीय स्तर पर लगती है बोली।
रजिस्टर्ड व्यापारी ही बोली प्रक्रिया में होते हैं शामिल।
आरटीजीएस से किसानों के खाते में उपज का मूल्य।
उड़द, मूंग, गेहूं, चना और मटर की ज्यादा आवक।
जल्द ही राज्य स्तर पर बोली लगेगी
कृषि उपज मंडी के सचिव पीयूष शर्मा के अनुसार राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना प्रारम्भिक दौर में है। इसका अच्छा रेस्पॉन्स मिला है। अब तक 850 से ज्यादा किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाया जा चुका है। अभी स्थानीय स्तर पर बोली लगती है। जल्द ही राज्य स्तर पर बोली लगाई जा सकेगी। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है।

ट्रेंडिंग वीडियो