scripthigh court- डीजीपी हाजिर होकर बताएं, लापता लोगों को क्यों नहीं कर रहे पेश | judge said tell the DGP Why are not the missing people presenting | Patrika News

high court- डीजीपी हाजिर होकर बताएं, लापता लोगों को क्यों नहीं कर रहे पेश

locationजबलपुरPublished: Sep 21, 2017 03:41:05 pm

Submitted by:

deepankar roy

मप्र हाईकोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई के दौरान जताई नाराजगी

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जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाओं में पुलिस अधिकारियों द्वारा लापरवाही बरतने पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को 9 अक्टूबर को कोर्ट में तलब किया है। जस्टिस जेके महेश्वरी की एकलपीठ ने डीजीपी को यह बताने के लिए कहा है कि गुमशुदा व्यक्तियों को कोर्ट के निर्देश के बावजूद क्यों पेश नहीं किया जा रहा है।
यह है मामला
सीधी जिले के कमराजी थानांतर्गत निवासी महिला ने यह बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है, इसमें कहा गया है कि उसकी 16 वर्षीय किशोरी का अपहरण क्षेत्र के दीपक व उमेश पटेल ने कर लिया। पुलिस से शिकायत के बावजूद उसकी बेटी को खोजने का प्रयास नहीं किया गया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता संजय पटेल ने कोर्ट को बताया पुलिस अधिकारियों ने मुख्य आरोपी दीपक की जगह उसके दोस्त उमेश के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, लेकिन मुख्य आरोपी के खिलाफ कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया।
कोर्ट ने जताई हैरानी
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता के तर्कों से सहमत होकर कोर्ट ने 30 जून तक गुमशुदा किशोरी को खोजकर पेश करने के निर्देश दिए। एेसा न करने पर 13 जुलाई को सीधी एसपी व कमराजी टीआई को तलब किया। एसपी तो नहीं आए, टीआई आए पर उन्होंने भी आदेश का पालन करने के लिए समय मांगा। इसके बाद 21 जुलाई व 16 अगस्त को मामले की सुनवाई हुई। सीधी एसपी भी हाजिर हुए, लेकिन वे न तो यह बता सके कि गुमशुदा को क्यों नहीं खोजा जा सका। और ना ही यह बताया कि इसके लिए कमराजी टीआई के खिलाफ क्या कार्रवाई र्की। कोर्ट ने हैरानी जताई कि इतना अरसा बीतने के बावजूद गुमशुदा बालिका को नहीं खोजा जा सका।
एसएचओ, एसपी को करें आगाह
कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाएं सिर्फ इसी वजह से लंबित हैं कि कोर्ट के आदेश को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। प्रथम दृष्ट्या अभियुक्त का नाम ही एफआईआर में न शामिल करना टीआई की कार्यप्रणाली को दर्शाता है। डीजीपी को निर्देश देते हुए कहा गया कि वे सीधी एसपी व कमराजी टीआई को अगली सुनवाई तक कोर्ट के पूर्व आदेश का पालन कर जवाब पेश करने के लिए आगाह करें।
सीधी एसपी बताएं, क्यों न हो कार्रवाई
सीधी एसपी से भी कोर्ट ने पूछा है कि आरोपित का मोबाइल नंबर मिलने के बावजूद उसकी तलाश के लिए क्या कदम उठाए गए ? टीआई के साथ एसपी ने भी इसे गंभीरता से क्यों नहीं लिया। इन सवालों के जवाब उन्हें शपथ पत्र पर आगामी सुनवाई तक प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
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