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आइटी पार्क … इंडस्ट्री लगाने के लिए 30 से ज्यादा निवेशक इच्छुक
जमीन समतलीकरण के बाद एमपीएसइडीसी ने रोका काम
मप्र राज्य इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कॉर्पाेरेशन (एमपीएसइडीसी) अभी समतलीकरण और अन्य कार्यों में तेजी के लिए पहले से तैयार क्षेत्र पर ध्यान देने के लिए कह रहा है। ऐसे में दायीं तरफ की भूमि पर काम की रफ्तार धीमी है। आईटी पार्क में 25 एकड़ जमीन नर्मदा घाटी विकास विभाग से बाद में ली गई थी। इस जमीन पर बड़े-बड़़े टीले और चट्टानें हैं। यहां भी इकाइयों के लिए प्लॉटिंग शुरू हुई, लेकिन तेजी नहीं आई।
तीन निवेशकों के प्लॉट कैंसिल-
आइटी पार्क में जिन निवेशकों ने जमीन लेकर नींव तक नहीं भरी, उन पर कार्रवाई शुरू हो गई है। सूत्रों के अनुसार एमपीएसइडीसी ने तीन निवेशकों के प्लॉट निरस्त कर दिए हैं। एक दर्जन निवेशक ऐसे हैं, जिनसे इस माह जमीन वापस ली जा सकती है। इसका प्रस्ताव तैयार हो गया है। बताया गया कि इन निवेशकों ने तीन साल से अधिक समय से 5 हजार वर्गफीट के प्लॉट ले रखे हैं, लेकिन काम शुरू नहीं किया।
नगर निगम ने तैयार किया प्रस्ताव-
निवेशकों को आ रही समस्याओं को लेकर शासन ने नगर निगम प्रशासन से नियमों में सरलीकरण का प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा था। महाकोशल उद्योग संघ के महासचिव डीआर जेसवानी ने बताया, नगर निगम के कई नियम आइटी पार्क में निवेशकों के हित में नहीं थे। उनमें सुधार कर प्रस्ताव भोपाल भेजा जाएगा।
दो भागों में बंटा है पार्क
आइटी पार्क का रकबा करीब 63 एकड़ है। इसमें 38 एकड़ वाले हिस्से में आइटी बिल्डिंग और मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनाया जा रहा है। निवेशको की यहां पर निवेश की इच्छा को देखते हुए सामने की तरफ 25 एकड़ भूमि बाद में ली गई। इसे भी समतल किया जा रहा था।
आइटी पार्क में अधिकतर निवेशकों ने काम शुरू नहीं किया है। इसलिए नई जगह पर विकास कार्य रोक दिया गया है। तय समयावधि में इकाई स्थापित नहीं करने वालों से भूमि वापिस लेने की कार्रवाई की जा रही है।
तिलकराज कपूर, मुख्य महाप्रबंधक, आइटी पार्क, एमपीएसइडीसी