कांग्रेस के स्टार प्रचारक व वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शहडोल लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान सोमवार की रात को कुक की भूमिका बखूबी निभाई।
jyotiraditya scindia
शहडोल। कांग्रेस के स्टार प्रचारक व वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शहडोल लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान सोमवार की रात को कुक की भूमिका बखूबी निभाई। उन्होंने जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित मरवाही गांव में आदिवासी किसान के घर रात बिताई।
इस दौरान सिंधिया ने न केवल अपने हाथों से लकड़ी के चूल्हे में रोटियां सेंकीं, बल्कि वहां मौजूद आदिवासी परिवार के सदस्यों व पार्टी कार्यकर्ताओं को परोस कर भोजन भी कराया। सिंधिया की इस आत्मीयता व सरलता ने गांव के लोगों सहित क्षेत्रीयजनों का भी मन मोह लिया।
सिंधिया को चुनाव प्रचार करते हुए मरवाही गांव के निकट शाम हो गई। इस पर उन्होंने वहीं रात्रि विश्राम की मंशा जताई। मनवाही के आदिवासी किसान तीरथ सिंह गोंड के खपरैल के मकान में उन्होंने अपना ठीहा जमाया। जब भोजन की बारी आई तो बातों के दौरान सिंधिया ने कहा कि वे चूल्हे में रोटी सेंकना अच्छे से जानते हैं। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि मैं खुद सभी को खिलाउंगा।
इसके बाद उन्होंने गर्मागर्म रोटियां सेंक-सेंक कर वहां मौजूद तीरथ के परिजनों व पार्टी क ार्यकर्ताओंं को चने की भाजी के साथ सर्व कीं। सभी ने सिंधिया की पाक कला की भूरि-भूरि प्रशंसा की। इस दौरान सिंधिया वहां मौजूद लोगों के साथ हंसी-ठिठोली भी करते रहे। भोजन के बाद सिंधिया ने यहीं रात्रि विश्राम किया।
बच्चे को अपने हाथ से कराया भोजन
इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने हाथ से न सिर्फ महिलाओं-पुरुषों को परोसकर खिलाया बल्कि बच्चे को अपने हाथों से खिलाया। मां की गोद में बैठा एक नन्हा बच्चा भी सिंधिया के हाथों से खाना खाया। सिंधिया का कुक बनना, अपने हाथों से सभी को परोसकर खिलान वहां के लोगों के लिए मन मोह लेने से कम नही रहा।
भाजपा कह रही प्रोपोगंडा
सिंधिया ने इस दौरान गांव के लोगों से स्थानीय खान-पान के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने आदिवासियों के परंपरागत भोजन की तारीफ करते हुए इसे स्वास्थ्यकर बताया। विरोधी भारतीय जनता पार्टी नेताओं ने इसे चुनावी प्रोपोगंडा करार दिया है।