यह किए जा रहे उपाए
गुरजी, सिलौड़ी, दर्शनी, दिनाई, खमरिया एवं खुड़ावल की पहाडिय़ां नदी के उद्गम स्थल हैं। जलस्तर को बढ़ाने के लिए नदी के कैचमेंट एरिया में बरसात का पानी रोकने के उपाए किए जा रहे हैं। इसमें मनरेगा और वाटरशेड की टीम को तैनात किया गया है। इंजीनियरों ने पूरे कैचमेंट एरिया का निरीक्षण किया फिर उसी आधार पर कन्टूर ट्रेंच, बोल्डर बधान, गली प्लग, तालाब, खेत तालाब, चैक डैम और स्टाप डैम सहित अन्य सरंचनाएं बनाई जा रही हैं।
फैक्ट फाइल
– सिहोरा और मझौली जनपद के बीच प्रवाह।
– 63 किमी है लंबा है कनाड़ी नदी का क्षेत्र।
– 26.2 हेक्टेयर है नदी का कैचमेंट क्षेत्रफल।
– 38 ग्राम पंचायत 60 गांव हैं नदी की जद में।
– 29 माइक्रो वाटर शेड बनेंगे जलस्तर बढ़ाने।
– 18 करोड़ रुपए से ज्यादा कामों की लागत।
– 4 से पांच साल की बनाई गई कार्ययोजना।
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नदी का जलस्तर बढ़ाने के लिए कार्ययोजना शुरू की गई है। इसमें बरसात के जल को रोकने के लिए संरचनाएं बनाई जा रही हैं। इसी आधार पर इसकी डीपीआर भी तैयार होगी।
राजकुमार पटेल, जिला तकनीकी विशेषज्ञ (वाटर शेड)