कान्हा नेशनल पार्क के बफर जोन खटिया के अराली और खीसी बीट में पांच जंगली कुत्तों ने दम तोड़ दिया था। वनमंत्री उमंग सिंघार ने इस मामले में जांच के आदेश दिए थे। वाइल्ड इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया देहरादून के वैज्ञानिकों की टीम जंगली कुत्तों का कुनबा कम होने के मामले में रिसर्च कर रही है। जैव विविधता के लिहाज से ये प्रजाति महत्वपूर्ण है।
कान्हा नेशनल पार्क की संयुक्त संचालक अंजना सुचिता तिरकी के अनुसार वेटरनरी यूनिवर्सिटी जबलपुर की रिपोर्ट में जंगली कुत्तों के मौत का कारण सेप्टीसिमिया है। आइवीआरआइ बरेली की रिपोर्ट में इंफेक्शन और सागर की रिपोर्ट में मौत के कारण में रसायनों की स्थिति स्पष्ट होगी। तीनों संस्थान की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद मौत के बारे में स्पष्ट तौर कोई निष्कर्ष निकाला जा सकेगा। वेटरनरी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के अनुसार जंगली कुत्तों की मौत का कारण सेप्टिसीमिया के साथ निमोनिया भी है। 10 दिसम्बर के आसपास कुत्तों की मौत हुई थी।
कान्हा नेशनल पार्क के सैम्पल की जांच में जंगली कुत्तों की मौत का कारण सेप्टिसीमिया और निमोनिया आया है। सेप्टिसीमिया में खून में शामिल बैक्टीरिया मल्टीप्लाई होते रहते हैं और वे सभी अंगों को डैमेज कर देते हैं। निमोनिया के कारण लंग्स डैमेज हुए थे।
डॉ. मधु स्वामी, डायरेक्टर, स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ हेल्थ एंड फोरेंसिक, वीयू