जबलपुर

Karwa chauth 2021: जानें शुभ मुहूर्त, कब दिया जाएगा चंद्रमा को अर्घ्य

-विशिष्ठ योग में होगी पूजा, मिलेगा पुण्य फल-कई सालों बाद Karwa chauth 2021 पर बन रहा है ऐसा संयोग

जबलपुरOct 21, 2021 / 03:41 pm

Ajay Chaturvedi

करवा चौथ पूजन सामग्री

जबलपुर. कई साल के बाद इस बार करवा चौथ (Karwa chauth 2021) खास संयोग बन रहा है। ऐसे में इस बार व्रती सुहागिनों को खास फल भी प्राप्त होगा। लेकिन इसके लिए खास मुहूर्त जानना जरूरी है। उसमें भी चंद्र दर्शन व अर्घ्य दान का शुभ मुहूर्त जानना बेहद जरूरी है।
ये तो आमतौर पर सभी जानते हैं कि कार्तिक महीने के कृष्‍ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की निरोगता और दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। फिर शाम ढलने के बाद चंद्र दर्शन व अर्घ्य दान के बाद चलनी से पति के चेहरे का दीदार करने और पति के हाथों से ही जल ग्रहण कर व्रत का उद्यापन करती हैं। पर पूजन व अर्घ्यदान का सही समय पता होना जरूरी है।
इस साल कृष्‍ण पक्ष की चतुर्थी रविवार (24 अक्टूबर) को पड़ रही है। करवा चौथ की पूजा रोहिणी नक्षत्र में की जाएगी। ज्योतिषियों का कहना है कि अबकी पांच साल बाद रविवार को करवा चौथ पड़ रहा है जो शुभ योग बना रहा है। ऐसे में सूर्यदेव का शुभ प्रभाव भी इस व्रत पर पड़ेगा। कहने का तात्पर्य कि व्रती सुहागिनों को भगवान सूर्य का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा।
धर्म शास्‍त्रों के अनुसार करवा चौथ व्रत करने से पति को न सिर्फ लंबी आयु हासिल होती है बल्कि वैवाहिक जीवन की समस्त बाधाएं भी दूर होती हैं और सौभाग्‍य की प्राप्ति होती है। बताते हैं कि सुहाग के व्रत से परिवार पर संकट की छाया भी नहीं पड़ती। ऐसा इसलिए कि इस दिन माता पार्वती, अवढर दानी भोलेनाथ और कार्तिकेय का पूजन करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
करवा चौथ पूजन सामग्री
करवा चौथ की तिथि और मुहूर्त

कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ 24 अक्‍टूबर (रविवार) की सुबह 3:1 बजे से होगा और 25 अक्‍टूबर की सुबह 5: 43 तक चतुर्थी तिथि रहेगी। यानी पूरे दिन चतुर्थी तिथि है।
पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि में चन्द्रोदयव्यापिनी मुहूर्त 24 अक्टूबर को प्राप्त हो रहा है, इसलिए करवा चौथ व्रत 24 अक्टूबर दिन रविवार को रखा जाएगा।

करवा चौथ पूजन का शुभ मुहूर्त
व्रतीजन चौथ के दिन शाम 05:43 बजे से 06:59 बजे के बीच चौथ माता अर्थात मां पार्वती, भगवान शिव, गणेश जी, भगवान कार्तिकेय का विधिपूर्वक पूजन कर लें। फिर रात्रि 08:07 बजे चंद्रमा की पूजा करें, साथ ही दूध, अक्षत्, पुष्प मिश्रित जल से चंद्रमा को अर्घ्य दें औरपति की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना करें। फिर पति के हाथों जल ग्रहण करके व्रत का पारण करें। पारण से ही व्रत पूरा होता है।

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