जबलपुरPublished: Oct 12, 2022 06:07:03 pm
Sanjay Umrey
रात 7.40 बजे नजर आ सकता है चौथ का चांद
जबलपुर। अटल सौभाग्य और जीवन साथी की दीर्घायु की कामना से 24 घंटे का निर्जला व्रत रखकर सौभाग्यवती महिलाएं गुरुवार को करवा चौथ मनाएंगी। कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के चांद का दर्शन सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। इस साल करवा चौथ पर कई ग्रह योग बन रहे हैं जो दाम्पत्य जीवन में खुशियों का संचार करने के साथ ही सम्बंधों को मजबूती प्रदान करने वाले भी होंगे।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार चतुर्थी तिथि बुधवार रात 1.51 बजे से शुरू हो जाएगी, जो कि गुरुवार रात 3.43 बजे तक रहेगी। उन्होंने करवा चौथ के दिन स्थानीय समयानुसार चंद्रोदय रात 7.40 बजे होने की बात कही है। पूरे दिन रहने वाली चतुर्थी तिथि में सोना, चांदी, वाहन, वस्त्र आदि की खरीदी करना भी शुभफलदायी होगा।
चौथ पर ग्रहों की शुभ स्थिति
करवा चौथ पर गुरु ग्रह को लेकर विशेष योग बन रहा है जो दाम्पत्य जीवन के लिए शुभफलदायी रहेगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार चौथ तिथि पर कन्या राशि में सूर्य, शुक्र, बुध रहेंगे। गुरु अपनी राशि मीन में गोचर करेंगे। गुरु का गोचर चूंकि सप्तम भाव में रहेगा। सप्तम भाव को ज्योतिष में विवाह का घर माना जाता है और इस स्थान में गुरु की उपस्थिति को अत्यंत शुभकारी माना गया है। इसी तरह कृतिका नक्षत्र रात्रि 7.31 तक रहेगा, इसके बाद रोहिणी नक्षत्र लगेगा जो पूरी रात रहेगा, इसी नक्षत्र में करवा चौथ पूजन, चंद्र दर्शन व व्रत पारायण होगा।
एक महीने में 14 त्योहार, गोपियों का शुरू हुआ व्रत
भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय माह कार्तिक सोमवार से शुरू हो गया है। इस माह में 14 व्रत व त्योहार हैं। कार्तिक व्रतधारी गोपियों ने का एक महीने तक चलने वाला व्रत शुरु कर दिया है। माना जाता है कि इस माह में व्रत रखने से भगवान श्रीकृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही तुलसी पूजा से परिवार में सुख सम्पदा व निरोगी काया प्राप्त होती है।
ज्योतिषाचार्य पं. जनार्दन शुक्ला के अनुसार कार्तिक को दामोदर मास के नाम से भी जाना जाता है। यह माह आठ नवंबर पूर्णिमा तिथि तक चलेगा। इसमें भगवान का तुलसी दल या पत्ती से अर्चन व सहस्त्रार्चन करने का महत्व है।
पं. जनार्दन शुक्ला के अनुसार कार्तिक को त्योहारों का महीना भी कहा जाता है। शुरुआत 13 अक्टूबर को करवा चौथ से होगी। इसके बाद 18 को राधाष्टमी, 21 को गोवत्स द्वादशी, 22 को धनतेरस, 23 को रूप चौदस या नरक चौदस, 24 को दीपावली, 25 को अमावश्या के साथ सूर्यग्रहण, 26 को अन्नकूट, 27 को यमद्वितीया, भाईदूज, 1 नवंबर को गोपाष्टमी, 2 आंवला नवमीं, अक्षय नवमीं, 4 को देवउठनी एकादशी, 7 को बैकुंठ चतुदर्शी, 8 को स्नान-दान कार्तिक पूर्णिमा के साथ कार्तिक माह का समापन होगा।
कथाओं के श्रवण का महत्व
कार्तिक माह में सत्यनारायण व्रत कथा, भागवत कथा, कार्तिक मास कथा एवं देवदर्शन का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि इस महीने में श्रीकृष्ण भगवान गौलोक धाम से धरती पर भ्रमण करने आते हैं। जो भक्ति भाव से प्रसन्न होकर भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। यही वजह है कि बहुत सी महिलाएं गोपियां बनकर उनका पूरे माह व्रत पूजन करती हैं।