जबलपुरPublished: Jan 25, 2020 12:10:16 am
Mayank Kumar Sahu
10 फरवरी को पार्षदों का कार्यकाल हो जाएगा खत्म, अगले माह केंट बोर्ड हो सकता है भंग, जल्द आएंगे नए दिशा निर्देश, यहां जनप्रतिनिधि भी हुए सक्रिय
Kent board can break, screw stuck to extension
जबलपुर।
केंट वार्डों में आरक्षण की प्रक्रिया के बाद छावनी में पार्षदों की हलचल तेज होने लगी है। केंट बोर्ड के पार्षदों का कार्यकाल अगले माह 10 फरवरी को समाप्त होने जा रहा है। एक्सटेंशन पर फिलहाल कोई निर्णय न होने की स्थिति में केंट बोर्ड को भंग करने की भी उल्टी गिनती शुरू हो गई है। विदित हो कि रक्षा संपदा विभाग द्वारा चुनाव के निर्देश जारी किए जाने के बाद हाल ही में वार्डों में आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई। चुनाव को लेकर भी जनप्रतिधियों की धडक़ने तेज हो गई है। इसी सप्ताह छावनी बोर्ड चुनाव को लेकर स्थिति स्पष्ट हो सकती है।
क्या कहता है नियम
नियमों के अनुसार छावनी पार्षदों का कार्यकाल पांच साल के लिए निहित किया गया है। यदि कार्यकाल बढ़ाया जाता है तो केंद्र सरकार को गजट नोटिफिकेशन जारी करना होगा। यदि एेसा नहीं होता है तो फिर स्वत: ही केंट बोर्ड भंग माना जाएगा। फिलहाल अभी तक इस संबंध में कोई भी नोटिफिकेशन जारी हो सका है। एेसा माना जा रहा है कि 10 फरवरी के बाद केंट बोर्ड को भंग कर दिया जाएगा। इस स्थिति में बिगे्रडियर अध्यक्ष होगा तो वहीं सीईओ को सचिव बनाकर किसी सदस्य को नॉमिनेट किया जा सकता है।
3 वार्डों में हो चुका आरक्षण
छावनी के तीन वार्डों में आरक्षण प्रक्रिया की जा चुकी है। इनमें छावनी के वार्ड क्रमांक-5, वार्ड क्रमांक-7 एवं वार्ड क्रमांक-8 को महिला वार्ड के रूप में आरक्षित किया गया है। जबकि वार्ड क्रमांक-3 एसटीएससी वार्ड घोषित किया गया है जिसमें कोई भी उम्मीदवारी कर सकता है। जबकि वार्ड क्रमांक 1, 2,4, 6 पुरुष वार्ड आरक्षित किए गए हैं।
बिना परिसीमन से नाराजगी
केंट वार्डों का आरक्षण बिना परिसीमन के कर दिया गया है। इसे लेकर भी जनप्रतिनिधियों में खासी नाराजगी है। केन्ट छावनी क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 1966 से सिविल एरिया विस्तारीकरण नहीं हुआ है, जबकि नियमानुसार प्रत्येक 10 वर्ष में सिविल एरिया का विस्तारीकरण कराया जाना आवश्यक है। इसे लेकर भी छावनी सीईओ के खिलाफ लोगों का गुस्सा भडक़ा हुआ है। हाल ही में जनप्रतिनिधियों द्वारा इस संबंध में छावनी प्रशासन से शिकायत की गई।
जनप्रतिनिधियों का कहना
-सिविल एरिया का विस्तार लंबे समय से नहीं किया गया है। इसकी मांग लगातार छावनी की जनता द्वारा की जा रही है। इसे लेकर लगातार मांग उठाई गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
-संजय जैन पूर्व पार्षद
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-केंट बोर्ड पार्षदों का कार्यकाल १० फरवरी को समाप्त होने जा रहा है। लेकिन अभी तक सभी परिस्थितियों को स्पष्ट नहीं किया गया है। पार्षद भी संशय की स्थिति में है।
-अभिषेक चौकसे, केंट बोर्ड उपाध्यक्ष