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खुड़ावल की हवा, पानी और मिट्टी में समाया है वीरता, देशभक्ति का जज्बा

locationजबलपुरPublished: Feb 19, 2019 10:41:13 pm

Submitted by:

santosh singh

खुड़ावल और शहादत का 14 साल पुराना है रिश्ता, अब तक तीन जवानों की शहादत की गवाह है यहां की वीर भूमि

Shaheed's Bone Kalash Yatra

Shaheed’s Bone Kalash Yatra

जबलपुर. मझौली की वीर भूमि किसी खुड़ावल किसी तीर्थाटन से कम नहीं है। गांव और शहादत का रिश्ता 14 साल पुराना है। एमपी पुलिस में पदस्थ गांव के राजेंद्र प्रसाद उपाध्याय 14 साल पहले बालाघाट में नक्सलियों द्वारा बिछाई गई बारूदी सुरंग के विस्फोट में शहीद हुए थे। उनकी शहादत के बाद गांव के लोगों में देश सेवा का ऐसा जज्बा पैदा हुआ, जो अनवरत जारी है।
अश्विनी देश सेवा पर न्योछावर होने वाले तीसरे शहीद
यह वीर गांव देश सेवा पर न्योछावर होने वाले अश्विनी के रूप में तीसरी शहादत का गवाह बना है। यहां की हवा, मिट्टी और जर्रे-जर्रे में वीरता, देशप्रेम और देशभक्ति का जज्बा समाया हुआ है। शहादत क बाद भी यहां के लोगों में देशसेवा का जज्बा और बढ़ जाता है। अश्विनी से पहले इस गांव ने 19 जून 2016 को रामेश्वर पटेल के रूप में दूसरी शहादत देखी थी। आतंकियों ने कुपवाड़ा में सुबह की शिफ्ट चेंज कर रहे रामेश्वर पटेल के सीने और जांघ पर गोली मारी थी।

Martyr's place
IMAGE CREDIT: patrika
36 लोग विभिन्न फोर्स में कार्यरत
वर्तमान में गांव के 36 लोग विभिन्न फोर्स में कार्यरत हैं। इनमें सीआरपीएफ में छह, बीएसएफ में आठ, सेना में 19 और एमपी पुलिस में तीन लोग कार्यरत हैं। गांव में पुलिस व सेना से दो-दो, सीआरपीएफ और बीएसएफ से एक-एक रिटायर भी हैं। यहंा के अधिकतर युवकों की पहली पसंद सेना है। गांव में पांच दम्पती ऐसे हैं, जिनके इकलौते लाल सेना में देश का मान बढ़ा रहे हैं।
तीर्थाटन से कम नहीं खुड़ावल की धरती
खुड़ावल गांव की धरती किसी तीर्थाटन से कम नहीं है। यहां की रज-रज में देशप्रेम की भावनाएं हिलोरें लेती हैं। खेतों में लहलहाती फसलों की तरह गांव के जवान सेना में जाने को सज्ज हैं। राजेंद्र प्रसाद, रामेश्वर पटेल और अब अश्विनी काछी की शहादत ने यहां के युवाओं में सेना में जाने का जज्बा बढ़ा दिया है।
गांव में होती है सेना में भर्ती की ट्रेनिंग
गांव के सरकारी स्कूल के शिक्षक खडग़ सिंह, खेल शिक्षक अशोक कुमार राय, सेना से रिटायर अनंतराम काछी, द्वारिका प्रसाद पटेल और निजी स्कूल संचालक अनिल कुमार यादव गांव के युवकों को सेना में भर्ती का प्रशिक्षण देते हैं। इस टोली का अनुशासन, शारीरिक प्रशिक्षण इतना सख्त है कि हर साल गांव का कोई न कोई युवक किसी न किसी भर्ती में जरूर सफल होता है।
चार बजे शुरू होता है प्रशिक्षण
मुख्य कोच की भूमिका निभा रहे खडग़ सिंह बताते हैं, वर्तमान में 16 युवक प्रशिक्षण ले रहे हैं। इनकी दिनचर्या अलसुबह चार बजे एक मिस्ड कॉल से शुरू होती है। सभी शहीद स्थल के बगल में बने खेल मैदान में एकत्र होते हैं। दो घंटे तक दौड़, वॉलीबॉल, फुटबॉल, जिम आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके बाद 10 मिनट मोटीवेशन का होता है।
Ashwini Ki Shahadat
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शहीद की अस्थि कलश यात्रा देख ठहर गए शहरवासी
पुलवामा आतंकी हमले में शहीद अश्विनी काछी का अस्थि कलश मंगलवार को मां रेवा में प्रवाहित किया गया। खुड़ावल से ग्वारीघाट के बीच 44 किमी की इस यात्रा में जगह-जगह लोगों ने शहीद को नमन करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किए। किसी ने रास्ते में फूल बिछाकर शहीद को नमन किया तो कुछ ने पुष्पांजलि अर्पित कर अपनी भावनाएं प्रकट कीं। अस्थि कलश यात्रा के साथ चल रहे युवा हाथों में तिरंगा लिए रास्ते पर शहीद अश्विनी काछी अमर रहे के गगनभेदी नारे लगा रहे थे। यात्रा जहां से भी गुजरी लोग ठहर गए।खुड़ावल गांव से शहीद का अस्थि कलश लेकर बड़े भाई अवधेश काछी खुले वाहन से ग्वारीघाट नर्मदा में प्रवाहित करने के लिए निकले। इस दौरान उनके साथ सुनील जैन, शरद उपाध्याय, रविकांत यादव, विनय असाटी मौजूद थे।

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