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अच्छी खबर: मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में जल्द होगा किडनी ट्रांसप्लांट

locationजबलपुरPublished: Aug 13, 2021 01:24:02 pm

Submitted by:

Lalit kostha

मांगा लाइसेंस, अंगदान की प्रक्रिया के लिए भी सुविधा बढ़ेगीअगले महीने जांच के लिए आ सकती है विशेषज्ञों की टीम

Kidney transplant

Kidney transplant

जबलपुर। मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने ऑर्गन रिट्रवल एवं ट्रांसप्लांट करने की प्रक्रिया में कदम आगे बढ़ा दिए हैं। अस्पताल में जल्द किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके लिए एनएससीबीएमसी ने आवश्यक आधुनिक संसाधन जुटा लिए हैं। आवश्यक तैयारी के साथ ही ट्रांसप्लांट की अनुमति के लिए ऑर्गन डोनेशन सोसायटी को आवेदन भेज दिया है। लाइसेंस से पहले व्यवस्थाएं जांचने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम अगले महीने आएगी। उम्मीद की जा रही है कि जांच के बाद एक-दो महीने में ट्रांसप्लांट के लिए स्वीकृति प्राप्त हो जाएगी। इससे शहर में अंगदान की प्रक्रिया के लिए भी सुविधा बढ़ जाएगी।

जरूरी जांच में बाधा दूर
सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में किडनी एवं लीवर रोग से संबंधित उपचार की बेहतर व्यवस्थाएं है। ट्रांसप्लांट आइसीयू भी तैयार है। ट्रांसप्लांट से पहले एडवांस इम्यूनोलॉजिकल वर्कअप (किडनी मैच कराना सहित अन्य जांचें) के लिए भी एनएससीबीएमसी ने निजी कंपनी से अनुबंध कर लिया है। दो कंपनियों को शॉर्ट लिस्ट करने के साथ ही अग्रिम भुगतान करके जरूरी आधुनिक जांच कराने का रास्ता भी साफ हो गया है। इससे ट्रांसप्लांट की राह में लैब और परीक्षण संबंधी बाधा भी दूर हो गई है। सर्जरी के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक और स्किल्ड सहयोगी कर्मी भी अस्पताल में मौजूद हैं।

 

Kidney transplant

कई मरीज कतार में
किडनी की समस्या से जूझ रहे कई मरीज ट्रांसप्लांट सुविधा की राह ताक रहे हैं। अंगदान के लिए इच्छुक लोग भी आगे आ रहे हैं। लेकिन सुविधाओं के अभाव में अंगदान की प्रक्रिया को भी गति नहीं मिल पा रही है। मेडिकल कॉलेज में ऑर्गन रिट्रीवल एवं ट्रांसप्लांट की सुविधा होने पर ब्रेनडेड मरीजों के अंगदान के लिए भी जागरुकता की मुहिम आगे बढऩे की उम्मीद की जा रही है।

पांच साल में एक बार ही ग्रीन कॉरिडोर
शहर में अभी तक एक ही बार ऑर्गन रिट्रीवल (आंख के अलावा अन्य अंग) हुआ है। वह भी लगभग पांच साल पहले। तब ब्रेन डेड मरीज के परिजन अंगदान के लिए आगे आए थे। मरीज के अंग निकालकर दूसरे मरीजों तक पहुंचाने के लिए नागरथ चौक से डुमना एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बना था। तब अस्पताल को रिट्रीवल का लाइसेंस प्राप्त था। शहर में वर्तमान में किसी और अस्पताल के पास ट्रांसप्लांट का लाइसेंस नहीं है।

अंगदान करने वालों को सम्मानित किया
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन हॉल में विश्व अंगदान दिवस को लेकर गुरुवार को कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें अंगदाता और उसका प्रत्यारोपण कराने वाले को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज जैन ने बताया कि अंगदान के प्रति जागरुकता कम है। जीवित रहते हुए कोई भी स्वस्थ व्यक्ति किडनी, बोनमेरो, फेफड़े जेसे अंग दान कर सकते हैं। ब्रेन डेड एक मरीज के लगभग आठ अंग दूसरे मरीजों को लगाकर उन्हें नई जिंदगी दी जा सकती है। आइएमए अध्यक्ष डॉ. दीपक साहू, डॉ. ब्रजेश चौधरी, डॉ. पुष्पराज पटेल, पूर्व सीएमएचओ डॉ. मनीष मिश्रा, डॉ. अनुमिति जैन उपस्थित थे।

विश्व अंगदान दिवस आज
मेडिकल अस्पताल में नेत्र प्रत्यारोपण काफी समय से सफलतापूर्वक हो रहा है। सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में किडनी एवं लीवर के अलावा हार्ट, न्यूरो और नवजात शिशुओं के उपचार के लिए भी आधुनिक सुविधाएं हैं। अभी शुरुआत किडनी ट्रांसप्लांट करने से योजना है। आगे चलकर लीवर सहित अन्य अंगों के प्रत्यारोपण शुरू करने की तैयारी है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही मेडिकल कॉलेज अंचल का प्रमुख ऑर्गन एंड टिश्यू रिट्रवल एवं ट्रांसप्लांट सेंटर बनेगा।

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