गनीमत रही कि पोटाश का जो हिस्सा सीने में धंसा वह नुकीला नहीं था नहीं तो जान भी जा सकती थी। यह घटना सरदारशहर तहसील के कानड़वास गांव की है। पीबीएम में सोमवार तड़के ऑपरेशन कर सरिए को बाहर निकाला गया।
कानड़वास निवासी रामनिवास के 24 वर्षीय पुत्र मदनलाल ने खेत में पक्षियों को उड़ाने व पशुओं को डराने के लिए पोटाश से धमाका किया। धमाका करते समय पोटाश में लगी प्लास्टिक की नली टूट गई, जिससे पोटाश का सरिया तेज गति से युवक के सीने की हड्डी को चीरता हुआ आठ इंच अंदर तक धंस गया। परिजन उसे घायल अवस्था में सरदारशहर ले गए, जहां से चिकित्सकों ने उसे पीबीएम रैफर कर दिया।
परिजन मदनलाल को गंभीरावस्था में रविवार देर रात ट्रोमा सेंटर लेकर पहुंचे। ट्रोमा सेंटर में मौजूद चिकित्सक डॉ. आनंद गोदारा ने मरीज की प्रारंभिक जांच करने के बाद सर्जरी की द्वितीय यूनिट के सहायक आचार्य सर्जन डॉ. भूपेन्द्र शर्मा को जानकारी दी।
डॉ. भूपेन्द्र शर्मा ने बताया कि मरीज की हालत काफी नाजुक थी। उसका ऑपरेशन कर सरिया बाहर निकालना बेहद जरूरी था। यूनिट प्रभारी डॉ. मोहम्मद सलीम को स्थिति से अवगत कराया। इसके बाद युवक का ऑपरेशन कर सरिया निकालने का निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि युवक को करीब ढाई घंटे ऑपरेशन थियेटर में रखा गया। ऑपरेशन के दौरान युवक के सीने की हड्डी का थोड़ा-सा टुकड़ा काटकर सरिया निकाला गया।
…वो बस कराहता रहा मदनलाल व उसके पिता रामनिवास सहित ग्रामीणों ने बहुत समझादारी से काम लिया। वे युवक को सरिये सहित जीप में डालकर पहले सरदारशहर और फिर पीबीएम के ट्रोमा सेंटर अस्पताल लेकर आए।
दो लोगों ने युवक को गोद में उठाकर स्ट्रेचर पर लेटाया वहीं दो जनों ने सरिये को इस कदर पकड़ रखा था कि वह इधर-उधर भी न हो। इन सात घंटों तक सरिया युवक के सीने में धंसा रहा। युवक दर्द से कराहता रहा।
यह थी टीम ऑपरेशन सर्जरी की द्वितीय यूनिट डॉ. मोहममद सलीम के नेतृत्व में सहायक आचार्य डॉ. भूपेन्द्र शर्मा, डॉ. अविनाश, डॉ. सुनील काला, डॉ. अक्षिता, डॉ. भालसिंह एवं एनेस्थिया की डॉ. मीरा, डॉ. विकास, डॉ. अशोक व डॉ. पवन शामिल थे।
ऑपरेशन काफी जटिल था, जिसे करने में जोखिम था। मरीज की हालत को देखते हुए ऑपरेशन और सरिया निकाला गया। अब मरीज की हालत ठीक है। खतरे से बाहर है। डॉ. मोहम्मद सलीम, प्रभारी द्वितीय यूनिट सर्जरी