नक्षत्र- रात्रि 12.20 तक चरसंज्ञक अधोमुख नक्षत्र शतभिषा उपरांत उग्रसंज्ञक पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र रहेगा। शतभिषा नक्षत्र में प्रतिष्टा, वास्तु ग्रहशांति, आखेट, गृहारम्भ, यात्रा, उपनयन, क्रयविक्रय जैसे कार्य सम्पादित किए जा सकते हैं, वही पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में शिक्षा, कारीगरी, शिल्प विद्या जैसे कार्य अत्यंत शुभ तथा कल्याणकारी माने जाते हैं।
शुभ मुहूर्त – कर्जनिपटारा, आमोद प्रमोद, पत्र लेखन, सामाजिक सेवा से जुड़े कार्य मित्रमिलन, बानिकी, राजनीतिक वार्ता तथा सेवारम्भ जैसे कार्य हेतु दिन शुभ तथा अनुकूल रहेगा।
श्रेष्ठ चौघडि़ए – आज प्रात: 9.00 से 10.30 चर दोपहर 10.30 से 1.30 लाभ, अमृत रात्रि 7.30 से 9.00 लाभ की चौघडिय़ा शुभ तथा मंगलकारी मानी जाती है।
व्रतोत्सव- आज : भौम प्रदोष व्रत तथा वारूणी पर्व योग का व्रत व्रतोत्सव रहेगा। श्री हनुमत आराधना का उत्तम पुन्य लाभ रहेगा।
चन्द्रमा : दिवस रात्रि पर्यंत तक शनि प्रधान राशि कुम्भ राशि में संचरण करेगा।
ग्रह राशि नक्षत्र परिवर्तन: सूर्य के मीन राशि में गुरु वृश्चिक राशि में तथा शनि धनु राशि के साथ सभी ग्रह यथा राशि पर स्थित हैं, सूर्य का उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में संचरण रहेगा।
दिशाशूल: आज का दिशाशूल उत्तर दिशा में रहता है, इस दिशा की व्यापारिक यात्रा को यथा सम्भव टालना हितकर है। चन्द्रमा का वास पश्चिम दिशा में है, सन्मुख एवं दाहिना चन्द्रमा शुभ माना जाता है।
राहुकाल: प्रात: दोपहर 3.00.00 से 4.30.00 बजे तक।
आज जन्म लेने वाले बच्चे – आज जन्मे बालकों का नामाक्षर गो,सा,सी, अक्षर से आरम्भ कर सकते हैं। शतभिषा नक्षत्र में जन्मे बालकों की राशि कुम्भ होगी, राशि स्वामी शनि तथा ताम्र्रपाद पाया में जन्म माना जाएगा कुम्भ राशि के जातक प्राय: शांत, गम्भीर तथा सरल, सुधारवादी मननशील, लज्जाशील, समाजसेवी, परोपकारी, विवेकी, विवेकवान, धर्मात्मा प्रतिष्ठावान, जनहितैषी तथा जनप्रिय होते हैं। व्यवसाय में सफल रहते हैं।