scriptयह शहर कोरोना का ताल ठोंककर कर रहा मुकाबला | Knowing the medical history of infected people through counseling | Patrika News

यह शहर कोरोना का ताल ठोंककर कर रहा मुकाबला

locationजबलपुरPublished: Apr 06, 2020 06:40:29 pm

Submitted by:

shyam bihari

काउंसलिंग से जानी संक्रमितों की मेडिकल हिस्ट्री, अलग-अलग लाइन ऑफ ट्रीटमेंट का सहारा
 
 

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corona

जबलपुर। कहने को तो मप्र में कोरोना संक्रमित सबसे पहले जबलपुर शहर में मिले। एक साथ चार संक्रमित मिलने पर हड़कम्प मच गया। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च इन ट्राइबल हेल्थ (एनआइआरटीएच) से रिपोर्ट पॉजीटिव मिलने के कुछ देर के भीतर ही संक्रमितों को जबलपुर शहर के ही नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में भेजा गया। कॉलेज के विशेष डॉक्टरों की टीम कोरोना के उपचार के लिए पहले से तैयार थी। सभी को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया। मेडिकल के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने चारों मरीजों की पहले काउंसिलिंग की। उनकी स्वास्थ्य सम्बंधी समस्या को जाना। मेडिकल हिस्ट्री का पता लगाया। लगातार काउंसिलिंग करके संक्रमितों का मनोबल बढ़ाया। बीमारी से लड़ाई के लिए तैयार किया। 14 दिन तक उपचार के बाद शनिवार को तीनों स्वस्थ्य हो गए। संक्रमित जब भर्ती किए गए सभी को अलग-अलग समस्या थी। इनकी एक्स-रे सहित अन्य जरूरी जांचें की गई। डॉक्टरों की कोर टीम ने संक्रमितों को क्वारंटाइन करने के साथ ही सभी के लिए अलग-अलग लाइन ऑफ ट्रीटमेंट प्लान किया। भर्ती होने के बाद संक्रमित युवक को सिरदर्द, हरारत और खांसी की समस्या हुई। उसके बाद हल्का बुखार आया। महिला को हल्की सर्दी और कफ था। इस पर जरुरत के अनुसार एंटी वायरल और एंटीबायोटिक दवा की खुराक दी गई। संतुलित और पौष्टिक भोजन करने की नसीहत दी गई।
छह-सात दिन रहे ऑक्सीजन पर
सराफा कारोबारी को जब भर्ती किया गया था तो उसे खांसी और हल्का बुखार था। बाद में निमोनिया जैसे कुछ लक्षण मिले। इस केस के थोड़ा अलग होने पर डॉक्टरों ने अलग लाइन ऑफ ट्रीटमेंट रखा। सांस लेने में परेशानी होने पर करीब छह-सात दिन तक ऑक्सीजन पर रखा गया। शुरुआत में प्रतिदिन दो-तीन लीटर ऑक्सीजन दी गई। स्वस्थ्य में कुछ सुधार होने पर ऑक्सीजन की मात्रा घटाकर एक लीटर कर दी गई। बाकी जांच से संतुष्ट होने पर ऑक्सीजन सिर्फ रात में दी गई। इस दौरान दी गई दवा और कुछ एंटीबायोटिक से सेहत में सुधार आया। ऑक्सीजन हटा दी गई। रिपीट एक्स-रे में सब कुछ सामान्य मिला। कोरोना जांच रिपोर्ट भी निगेटिव आयीं।

मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. पीके कसार और अस्पताल अधीक्षक डॉ. राजेश तिवारी की निगरानी में मरीजों की देखभाल हुई। डॉ. संजय भारती, डॉ. दीपक वरकड़े, डॉ. मृत्युंजय सिंह सहित जूनियर डॉक्टर्स की टीम ने मरीजों का उपचार किया। नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ की टीम ने सहयोग किया।

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