इन बिंदुओं पर फोकस
-विश्वविद्यालयों के बीच नॉलेज शेयरिंग
-प्रायोगशालाओं का व्यापक उपयोग
-रिफ्रेशर कोर्स को बढ़ावा देना
-एक दूसरों के अनुसंधान कार्यों को बढ़ावा
-टीचरों के लिए एकेडमिक ट्रेनिंग प्रोग्राम
-खेल के बेहतरीन प्रशिक्षकों का उपयोग
-विश्वविद्यालयों में ऑटोमेशन पर काम
जबलपुर।
विश्वविद्यालयों की कार्य प्रणाली अब बेहतर बनेगी बल्कि एक विश्वविद्यालय दूसरे विश्वविद्यालयों के विचारों, आईडिया और इनोवेटिव कार्यों को भी साझा कर सकेंगे। विश्वविद्यालयों को इंटीगेटि करने की कुछ एेसी ही तैयारी राजभवन द्वारा शुरू की जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालयों की क्षमताओं का विस्तार करने के साथ ही अच्छे कार्यों, कामकाज को दूसरे विश्वविद्यालयों तक एक्सटेंशन करना है। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में इसे लेकर काम शुरू किया जा रहा है। अगले एक से डेढ़ माह के दौरान कुछ नए बदलाव देखने को मिलेंगे।
तकनीकों को किया जाएगा साझा
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुछ विभागों में एकेडमिक क्षेत्र में बेहतरीन काम किया जा रहा है तो वहीं विवि में खेल से लेकर सांस्कृतिक क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलताएं अर्जित की है। विश्वविद्यालय ने एेसे कामों को इंटीग्रेटिड मोड पर लाकर दूसरे विश्वविद्यालयों से जोडऩे पर काम कर रहा है।
आरजीपीवी के साथ टाईअप
इस प्रक्रिया के तहत विश्वविद्यालय प्रशासन ने आरजीपीवी यूनिवर्सिटी के साथ टाईअप कर लिया गया है। साथ ही कुछ अन्य विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू साइन करने की दिशा में विश्वविद्यालय प्रशासन तैयारी में जुटा है। आरजीपीवी ऑटोमेशन की दिशा में काम शुरू करने के लिए के लिए विश्वविद्यलय से जुड़े कार्यों, उपलब्धियों और एकेडमिक क्षेत्र में किए जा रहे नवाचारों की जानकारी मांगी है।
22 देशों के बीच सहभागिता
रादुविवि के कल्चर एक्टीविटी को दूसरे विवि तक पहुंचाने पर काम होगा। विवि की कल्चर टीम द्वारा वर्ष 2015 से लेकर 2017 तक सांस्कृतिक प्रभारी डॉ.आरके गुप्ता के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया गया। इस कार्यक्रम में 22 देशों केविश्वविद्यालयों ने शिरकत की थी। पिछले पांच सालों के दौरान तीन बार राज्यस्तर युवा उत्सव में विजेता रहा तो दो बार सेकेंड रनर अप रहा।
अनुसंधान को दिया जाएगा बढ़ावा
बताया जाता है इंटीग्रेटिड मोड पर लाने के लिए विश्वविद्यालयों में चल रहे अनुसंधान कार्यों को एक दूसरे के बीच साझा किया जाएगा। साथ ही छात्रों को तकनीक के साथ प्रायोगिक सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में भी विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा पहल शुरू की जा रही है। इसके लिए देवी अहिल्याबाई यूनिवर्सिटी, बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी आदि के साथ चर्चा की जा रही है।
-विश्वविद्यालय के कार्यों, तकनीक आदि को अन्य विवि के साथ साझा करने की दिशा पर हम काम कर रहे हैं। विश्वविद्यालय को इंटीग्रेटिड मोड पर लाया जा रहा है। अन्य विवि के साथ एमओयू साइन करने पर भी विचार किया जा रहा है ताकि अकादमिक गुणवत्ता को बढ़ाया जा सके।
-प्रो.कपिलदेव मिश्र, कुलपति रादुविवि