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क्षमावाणी मेला में उमड़े श्रद्धालु

locationजबलपुरPublished: Sep 20, 2019 06:04:09 pm

Submitted by:

Sanjay Umrey

संस्कारधानी में जगह- जगह हो रहे धार्मिक आयोजन

संस्कारधानी में जगह- जगह हो रहे धार्मिक आयोजन

संस्कारधानी में जगह- जगह हो रहे धार्मिक आयोजन

जबलपुर। संस्कारधानी में जगह-जगह धाॢमक आयोजन किए जा रहे हैं। पिसनहारी की मढिय़ा में मेले का आयोजन हुआ। वहीं शहीद स्मारक में धर्मसभा हो रही है। इसी तरह साकेतधाम में सतसंग प्रवचन माला और सिंधी धर्मशाला में भागवत कथा की जा रही है।
पर्यूषण पर्व के बाद बुधवार को पिसनहारी मढिय़ा में मेले का आयोजन किया गया। मुनि श्री प्रबुद्ध सागर, आर्यिका रत्न ऋजुमति माताजी के ससंघ सान्निध्य में विविध धार्मिक आयोजन हुए। दोपहर में रथयात्रा निकाली गई। भव्य तरीके से सजाए गए रथ एवं पालकी में श्रीजी विराजमान थे। रथयात्रा में सामाजिक एवं धार्मिक संदेश देते हुए कई आकर्षक झांकियां शामिल थीं। रात्रि में संगीत संध्या हुई। गायक अवशेष बेटिया ने गीतों की प्रस्तुति दी।
वित्तमंत्री का सम्मान
कार्यक्रम में प्रदेश के वित्त मंत्री तरुण भनोत, विधायक विनय सक्सेना का सम्मान किया गया। इस अवसर पर पिसनहारी तीर्थ के राजेन्द्र जैन, राकेश चौधरी, संजय अरिहंत, कोमलचंद पड़रिया, अजय जैन, संजय चौधरी आदि थे।
‘धर्म के पथ पर चलने वालों को ही प्राप्त होती है ईश्वर की कृपा’
‘जीवन में अधिकतर वस्तुएं क्रय करने से नहीं, कर्म की कमाई से, प्रारब्ध से प्राप्त होती हैं। जो धर्मनिष्ठ हैं, वहां सुख-समृद्धि बिना बुलाए आती है। धर्म के पथ पर चलने वालों को परमात्मा की कृपा प्राप्त होती है।’ उक्ताशय के उद्गार श्री गोपाल लालजी ट्रस्ट की ओर से शहीद स्मारक में आयोजित धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए स्वामी सुबोधानंद ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि जीव को परम सत्य का बोध करने के लिए सत्य के मार्ग पर चलने की आवश्यक है।
जो हमें भगवान से जोड़े वही योग
‘योग का अर्थ जुडऩा व मिलना है। ज्ञान योग, कर्म योग, भक्ति योग है। जीवन में साधक को साधना के माध्यम से जो योग भगवान से जोड़ता है वही योग है।’ उक्त उद्गार साकेतधाम ग्वारीघाट में तीन दिवसीय सत्संग प्रवचन माला के शुभारम्भ पर स्वामी गिरीशानंद ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि ब्रम्हानुभूति होने से जहां दृष्टि जाती है वह योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण दिखाई देते हैं। जगदगुरु डॉ. श्यामदेवाचार्य, योगगुरु गोरखनाथ, डॉ. जितेन्द्र जामदार, डॉ. राजेश धीरावाणी, प्रदीप दुबे आदि उपस्थित थे। शुक्रवार को शाम पांच से सात बजे तक कोलकाता से आए स्वामी निरंजनानंद सरस्वती के प्रवचन होंगे। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने पर्यावरण शुद्धि के लिए पॉलीथिन का उपयोग नहीं करने का संकल्प लिया।
मोक्ष के लिए लें परमात्मा की शरण
सिंधी धर्मशाला में पितृपक्ष के अवसर पर आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह के दूसरे दिन कथा व्यास ने कहा कि मोक्ष मार्ग के लिए परमात्मा की शरण में जाना आवश्यक है। परमात्मा की शरण ही सच्ची शरण है। इस संसार में एक ही परम सत्य है। इस अवसर पर डॉ. जितेन्द्र जामदार, पप्पू लालवानी, जय वासानी, रम्मी मंगतानी, उमेश परवानी ने व्यासपीठ का पूजन किया।

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