जबलपुर

नजदीक आते हथियार को निशाना बनाएगी एल-70 गन

जीसीएफ ने गन में लगाया आधुनिक सीआइडब्ल्यूएस सिस्टम, ट्रायल भी शुरू

जबलपुरSep 08, 2018 / 01:45 am

mukesh gour

guns

जबलपुर. गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) ने 40 एमएम एल-70 एंटी एयरक्राफ्ट गन को नई तकनीक क्लोज इन वेपंस सिस्टम (सीआइडब्ल्यूएस) से लैस करने में कामयाबी हासिल की है। इस राडार आधारित इस तकनीक बेहद कम ऊंचाई या नजदीक आने वाले दुश्मन के किसी भी घातक हथियार को पहचान कर उड़ाना आसान होगा। इस गन में नए जमाने के प्रोग्रामेवल एमुनेशन का इस्तेमाल भी किया जा रहा है। अभी तक सामान्य गोला का उपयोग किया जाता है।

सीआइडब्ल्यूएस नई तकनीक है। जीसीएफ इस प्रोजेक्ट को भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड (बीइएल) के सहयोग से चालू किया गया है। अभी तक एल-70 एंटी एयरक्राफ्ट गन से आसमान में ज्यादा ऊंचाई पर उडऩे वाले दुश्मन के एयरक्राफ्ट या हेलीकाफ्टर को निशाना बनाया जा सकता है। लेकिन यदि कोई वस्तु इस गन के पास आ रही है तो उसे पहचानना आसान नहीं होता। बताया जाता है कि यदि साढ़े तीन किलोमीटर की दूरी तक भी कोई घातक हथियार या वस्तु है तो उसे निशाना बनाया जा सकता है। इस तकनीक में गन के साथ राडार और विशेष संचार उपकरण लगे हैं।

एलपीआर में फायरिंग- नए सिस्टम से लैस करने के बाद हाल में जीसीएफ प्रबंधन के द्वारा लॉन्ग प्रूफ रेंज (एलपीआर) खमरिया में ट्रायल भी किया गया है। बताया जाता है कि परीक्षण के दौरान सीआइडब्ल्यूएस ने ठीक तरह से काम किया। अब आगे की तैयारियां की जा रही हैं। इसमें नए जमाने का प्रोग्रामेवल एमुनेशन लगाया जाएगा। यह आधुनिक तकनीक वाला बम होता है। इसका इस्तेमाल कई बड़े देश कर रहे हैं। जल्द ही इसका इस्तेमाल अपगे्रड की गई गन में किया जाएगा। इसका ट्रायल भी बालासोर में किया जाएगा। मौजूदा समय में सामान्य एमुनेशन का उपयोग किया जाता है।

एल-70 गन को में सीआइडब्ल्यूएस तकनीक से लैस किया गया है। इसका बड़ा फायदा हमारी सेना को होगा। गन का ट्रायल भी किया जा रहा है।
संजय श्रीवास्तव
पीआरओ जीसीएफ
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.