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अपनी मर्जी से किराया नहीं बढ़ा पाएंगे मकान मालिक, देना होगा तीन महीने पहले नोटिस

locationजबलपुरPublished: Jul 12, 2019 11:53:31 am

Submitted by:

santosh singh

आदर्श किराया कानून का जिले के दो लाख किराएदारों व मकान मालिकों को होगा फायदाकेंद्र सरकार मकान या दुकान को रेंट पर लेन-देन को लेकर ला रही है नया कानून

owner of Damaged Houses will get the blessings from DMFT in bhilwara

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जबलपुर . मकान मालिक और किराएदार के बीच का विवाद अक्सर पुलिस और प्रशासन की मुसीबत बढ़ाने वाला होता है। इसे लेकर पक्षपात के भी आरोप लगतो रहते हैं। विवाद के चलते शहर में खूनी संघर्ष तक सामने आ चुका है। पुलिस भी इस तरह की शिकायतों को जिला प्रशासन और कोर्ट का मैटर बता कर पल्ला झाड़ लेती है। इस तरह के विवाद को लेकर अब केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे नए कानून (टेनंसी एक्ट) से सुलझाने में मदद मिलेगी। इस नए कानून से शहर के दो लाख से अधिक मकान मालिक और किराएदार के हितों की रक्षा हो सकेगी।

यह है स्थिति
शहर में मकानों की संख्या-04 लाख
शहर में किराए वाले मकानों की संख्या-01 लाख
किराएदारों की संख्या-02 लाख
दुकानों की संख्या-25 हजार
पुलिस के पास पहुंचने वाली महीने की औसत शिकायतें-15
कलेक्टर के पास पहुंचने वाली शिकायतें-25
कोर्ट में पहुंचने वाले मामले महीने में-10 से 12
किराए से रहने वाले
पढ़ाई करने वाले-40 हजार
नौकरीपेशा-50 हजार
दिहाड़ी मजदूर-30 हजार

24 घंटे का लिखित नोटिस
नए ड्राफ्ट में मकान अथवा दुकान किराए पर लगाने वाले किराएदार से सिक्यॉरिटी मनी के रूप में दो महीने के किराए की रकम से ज्यादा की मांग नहीं कर पाएंगे। मकान मालिक को घर के मुआयने, रिपेयर से जुड़े काम के लिए 24 घंटे का लिखित नोटिस पहले देना होगा। किराया अनुबंध में लिखी समय सीमा से पहले किराएदार को तब तक नहीं निकाला जा सकेगा, जब तक उसने लगातार दो महीनों का किराया न दिया हो या प्रॉपर्टी का गलत इस्तेमाल कर रहा हो। किराया बढ़ाने से तीन महीने पहले नोटिस देना होगा।
दोनों की जिम्मेदारी
ड्राफ्ट के अनुसार बिल्डिंग के ढांचे की देखभाल के लिए किरायेदार और मकान मालिक, दोनों ही जिम्मेदार होंगे। कोई सुधार या रेनोवेशन के एक महीने बाद किराएदार की सलाह पर किराया बढ़ा सकेगा।
मकान मालिकों का डर होगा खत्म
शहर में बड़ी संख्या में ऐसे मकान व दुकान हैं, जिसे लोग किराए से देने में डरते हैं। नए ड्राफ्ट से ऐसे लोगों का हौसला बढ़ेगा। शहर में ऐसे मकानों की संख्या 25 हजार से अधिक है, जो खाली पड़े होने पर भी सिर्फ विवाद की डर से किराए पर नहीं देते।

एक्ट में ये है महत्वपूर्ण बातें
-मकान अथवा दुकान को रेंट पर लेने-देने को लेकर नया कानून (मॉडल टेनंसी) एक्ट लाया जा रहा
-दो महीने के किराए से ज्यादा सिक्योरिटी मनी नहीं होगी
-मकान के रेनोवेशन के बाद किराया बढ़ सकता है
-विवाद निपटारे के लिए स्पेशल किराया ट्रिब्यूनल बनाया जाएगा
-मकान छोडऩे के एक महीने में सिक्योरिटी मनी वापस करनी होगी
रेंट कोर्ट में होगा विवादों का फैसला
एक्ट के मसौदे में रेंट कोर्ट और रेंट ट्रिब्यूनल स्थापित करने का प्रस्ताव है। मकान मालिक व किराएदार के विवादों की सुनवाई इसी में होगी। प्रॉपर्टी मालिक व किराएदार को एग्रीमेंट की सभी छोटी बड़ी जानकारी, मासिक किराया, रिपेयरिंग की जानकारी देनी होगी।
किराएदार के अधिकार
1.घर के मुआयने या किसी काम से आने के लिए पहले ही नोटिस देना होगा।
2.रेंट अग्रीमेंट की सीमा से पहले किराएदार को निकाल नहीं सकेंगे
3.दो महीने से ज्यादा नहीं होगी सिक्योरिटी की रकम
4.विवाद पर मकान मालिक किराएदार की बिजली व पानी आपूर्ति बंद नहीं कर सकेगा
5.रेंट एग्रीमेंट समाप्त होने के समय सिक्योरिटी मनी वापस करनी होगी
मकान मालिक के अधिकार
1.रेंट अग्रीमेंट खत्म होने के बाद मकान न खाली करने पर चार गुना किराया ले सकते हैं
2.बिल्डिंग की देखभाल के लिए किराएदार-मकान मालिक दोनों जिम्मेदार
3.किराएदार अपनी प्रापर्टी को दूसरे को नहीं सौंप सकते

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