ये लगाए थे आरोप
जानकारों के अनुसार याचिकाकर्ता राहुल कुमार लोधी की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि वर्ष 2013 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी चंदा देवी ने मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए वोट के बदले नोट बांटे। विधानसभा क्षेत्र में 18 अतिसंवदेनशील तथा 59 संवेदनशील पोलिंग बूथ थे। जिसमें प्रर्याप्त सुरक्षा नहीं होने के कारण अनावेदकों के समर्थकों ने बूथ कैप्चरिंग की। इसके अलावा उन्होंने मतदाताओं को रुपए भी बांटे। यह भी आरोप लगाया कि उनका परिवार क्षेत्र के दबंग परिवार में आता है और खनिज सहित उनके अन्य कारोबार भी है। प्रभाव के चलते उन्होंने निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित आचार संहिता का खुले रुप से उल्लंघन किया।
बाहुबल से जीता चुनाव
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाए थे कांग्रेस प्रत्याशी चंदा देवी ने जन प्रतिनिधित्तव अधिनियम का उल्लंधन करते हुए धन बल व बाहुबल के जोर पर चुनाव जीता है। यािचका में मांग की गयी थी कि उनका निर्वाचन शून्य घोषित किया जाये। याचिका पर अभय पक्ष की दलील पूरी होने के बाद एकलपीठ ने फैसले को सुरक्षित रखा था। मंगलवार को इस मामले में पुन: सुनवाई हुई। जस्टिस अतुल श्रीधरन की कोर्ट ने अंतिम सुनवाई के बाद याचिका को तथ्यहीन पाया है। कोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता की ओर से ऐसे साक्ष्य पेश नहीं किए गए जिसमें की चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन या अन्य आरोप साबित होते हों। लिहाजा कोर्ट ने याचिका को आधारहीन माना है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 10 हजार रुपए की कॉस्ट भी लगाई है।