जानकारी के मुताबिक स्थानीय पुलिस गुजरात के नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाली कंपनी के संचालक पुनीत शाह व कौशल बोरा को प्रोडक्शन वारंट पर गुजरात से जबलपुर लाएगी। फिर जबलपुर में इन दोनों से पूछताछ होगी। बताया जा रहा है कि इन दोनों से इंदौर पुलिस की पूछताछ का क्रम फिलहाल पूरा हो गया है। ऐसे में इंदौर पुलिस ने दोनो को गुजरात पुलिस के हवाले कर दिया है।
ये भी पढ़ें- Fake Remdesivir Case: गुजरात, एमपी के बाद अब इस प्रदेश से जुड़े जालसाजी के connection इस बात के भी संकेत मिल रहे हैं कि आदिनाथ डिस्पोजेबल सूरत, गुजरात के संचालकों पुनीत शाह व कौशल वोरा के खिलाफ जबलपुर में एफआईआर दर्ज हो सकता है। पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा के अनुसार प्रोडक्शन वारंट पर आरोपियों को जबलपुर लाने में कोई कठिनाई हुई तो गुजरात की कोर्ट से ट्रांसफर रिमांड की मांग की जाएगी। इस बीच सूचना है कि जबलपुर के अधारताल थाना क्षेत्र के आशानगर निवासी सपन जैन, रीवा के सुनील मिश्रा को भी प्रोडक्शन वारंट पर लाया जाएगा। दोनों फिलहाल गुजरात की जेल में बंद है।
ये भी पढ़ें- Fake Remedisivir Injection Case की शुरूआती जांच में हुई चूक पड़ रही महंगी बता दें कि सिटी हॉस्पिटल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा के आदिनाथ डिस्पोजेबल कंपनी से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की खरीद फरोख्त तथा कोरोना संक्रमित मरीजों पर उनके इस्तेमाल की घटना को लेकर ओमती थाना में एफआइआर दर्ज है। उस प्रकरण में वोरा, शाह, सपन जैन, सुनील मिश्रा से पूछताछ होनी है।
इस बीच नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन प्रकरण की जांच के लिए गठित एसआइटी में शामिल अधिकारियों की मानें तो नकली इंजेक्शन प्रकरण में गुजरात पुलिस से जांच रिपोर्ट हासिल की जाएगी ताकि आरोपियों पर और शिकंजा कसा जा सके। वहां की जांच रिपोर्ट को जबलपुर में की जा रही जांच रिपोर्ट के साथ संलग्न कर कोर्ट में पेश किया जाएगा ताकि आरोपियों को कड़ी सजा मिल सके।
ये भी पढ़ें- Fake Remdesivir Injection Case में कई अन्य राजदारों के नाम आए सामने गुजरात पुलिस से नकली इंजेक्शन के रैपर, शीशियां व उपयोग में लाए गए रासायनिक पदार्थ की जानकारी भी ली जाएगी। फिर जबलपुर व गुजरात पुलिस द्वारा जब्त नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के रैपर व शीशियों का मिलान कराया जाएगा। साथ ही आदिनाथ डिस्पोजेबल कंपनी के बिल बाउचर का पता लगाया जाएगा ताकि स्पष्ट हो सके कि सिटी हॉस्पिटल ने कितने इंजेक्शन की खरीदी की थी। इसके लिए कंपनी के बैंक ट्रांजेक्शन की भी जानकारी ली जाएगी।