जबलपुरPublished: Nov 15, 2017 12:45:43 pm
deepankar roy
श्रीराम इंजीनियरिंग और कुशाभाऊ ठाकरे नर्सिंग कॉलेज के मामले में हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब
latest news for Kushabhau Thakre and Shriram Engineering College in MP
जबलपुर। जमीनों में हेराफेरी के मामले अक्सर सामने आते रहते है। लेकिन एक अनोखा मामला प्रदेश की राजधानी में उजागर हुआ है। इसमें सरकारी जमीन पर प्राइवेट नर्सिंग और इंजीनियरिंग कॉलेज की बिल्ंिडग तान दी गई। हद तब पार हो गई जब सरकारी जमीन पर बनें इस प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज को ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने जांच के बाद मान्यता भी जारी कर दी। इस मामले में हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में मंगलवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने पूछा है कि सरकारी जमीन पर निजी इंजीनियरिंग कॉलेज के संचालन की अनुमति कैस दी गई? कोर्ट ने छह सप्ताह में जवाब मांगा है।
रसूखदार का है संरक्षण
भोपाल के मुस्तुफा यार चौधरी की ओर से याचिका दायर कर कहा गया है कि हुजूर तहसील में स्थित थुआखेड़ा की सरकारी जमीन नया खसरा नम्बर 76,81,103 का वीएसएस समिति ने अवैधानिक रूप से आवंटन करा लिया है। समिति ने यहां निर्माण कर श्रीराम इंजीनियरिंग कॉलेज का संचालन आरंभ कर दिया है। इसी तरह पुराना खसरा नम्बर 65 की करीब 200 एकड़ जमीन पर लॉ डायनेमिक एजुके शनल एंड सोशल सोसायटी भोपाल के अध्यक्ष डॉ. ताजवर मोहम्मद द्वारा कुशाभाऊ ठाकरे नर्सिंग कॉलेज का संचालन किया जा रहा है। दोनों जमीन सरकारी अभिलेखों में जंगलमाल के रूप में दर्ज हैं, जो हस्तांरण योग्य नहीं हैं। रसूखदारों के संरक्षण वाले संस्थान होने की वजह से इस अनियमितता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। जबकि अधिकारियों से इसकी कई बार शिकायत की गई।
एक साल से नहीं दिया जवाब
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सौरभ भूषण श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि 3 अक्टूबर 2016 को कोर्ट ने राज्य सरकार, एआईसीटीई सहित अन्य को नोटिस जारी कर मामले पर जवाब-तलब किया था, लेकिन अब तक एआईसीटीई की ओर से जवाब पेश नहीं किया गया। चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने इस पर जमकर आपत्ति जताई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने एआईसीटीई को दोबारा नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। अगली सुनवाई एक जनवरी 2018 नियत की गई है।