चक्रवाती घेरे का असर
मौसम विज्ञान केन्द्र के विशेषज्ञ एके वर्मा के अनुसार पिछले 48 घंटों से मध्य प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ प्रभावी है। वहीं अरब सागर की ओर से आ रही हवाओं की वजह से आसमान पर एक चक्रवाती घेरा निर्मित हो गया है। चक्रवाती घेरे में उत्तरी और पश्चिमी हवाओं के टकराव की वजह से ही बादल छा गए है और बारिश व ओलावृष्टि की संभावना बढ़ी है। मौसम विज्ञान केन्द्र ने आने वाले 24 घंटों में जबलपुर व आसपास हल्की बारिश और छिंदवाड़ा, सिवनी, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, बैतूल आदि में बारिश के साथ ओलावृष्टि की भी संभावना व्यक्त की है।
चने के आकार के ओले
बताया गया है कि गाडरवारा क्षेत्र में नर्मदा के किनारे बसे ग्राम ककराघाट, भटेरा, सोकलपुर, भंवरगढ़, उसराम आदि में सुबह हल्की बूंदाबादी हुई। इसके बाद अचानक ओलावृष्टि शुरू हो गई। करीब 10 से 15 मिनिट तक क्षेत्र में चने के आकार के ओले गिरते रहे। किसानों के अनुसार ओलावृष्टि दलहनी फसलों में हल्का नुकसाना है। चूंकि ओलावृष्टि के दौरान हवा बंद रही, इसलिए गेहूं में नुकसान नहीं हो पाया। बारिश व ओलावृष्टि के दौरान यदि गेहूं खेत में गिर जाता तो गेहूं की फसल बुरी तरह प्रभावित हो सकती थी।
माहौल में बढ़ी सर्दी
बादलों की वजह से जहां न्यूनतम तापमान बढ़ा है, वहीं अधिकतम तापमान कम हो गया है। इसकी वजह से माहौल में सर्दी का आभास हुआ। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को जबलपुर में न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। अब यह और बढ़ गया है। वहीं अधिकतम तापमान 24.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो कि सामान्य से 2 डिग्री सेल्सियस कम रहा। मौसम विभाग के वैज्ञानिक सहायक आरके दत्ता ने बताया कि संभाग के जिलों में आगामी तीन दिनों तक बारिश का पूर्वानुमान है।