scriptबिना फीस के गरीबों का केस लड़ेंगे वकील | Lawyers will fight the case of the poor without fees | Patrika News

बिना फीस के गरीबों का केस लड़ेंगे वकील

locationजबलपुरPublished: Mar 22, 2020 07:21:48 pm

Submitted by:

sudarshan ahirwa

हाइकोर्ट विधिक सेवा समिति ने बनाई योजना, वकीलों से विधि मंत्रालय की साइट पर पंजीकरण कराने का अनुरोध

 Court verdict, three doda smugglers imprisoned for 12 years

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जबलपुर. गरीब और सर्वहारा वर्ग को नि:शुल्क कानूनी सुविधा मुहैया कराने का कानून तो है, लेकिन इसके लिए जिस वकील की सेवाएं ली जाती हैं, सरकार को उसकी फीस चुकानी पड़ती है। मप्र हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति ने इससे भी एक कदम आगे जाकर योजना बनाई है। इसके तहत जनहित में गरीब और सर्वहारा वर्ग की मुफ्त में कानूनी मदद करने के लिए इच्छुक वकीलों का पैनल बनाया जा रहा है। ये वकील बिना शुल्क लिए विधिक सेवा के पात्र व्यक्तियों की पैरवी करेंगे।

डाटाबेस होगा तैयार
समिति ने यह योजना केंद्रीय विधि मंत्रालय के निर्देश के तहत बनाई है। पंजीकरण प्रक्रिया पूरी होने के बाद पंजीकृत वकीलों का उनकी विशेषज्ञता, दक्षता, पैरवी कर सकने के स्थान, उपलब्ध समय आदि के आधार पर डाटाबेस तैयार किया जाएगा। इस डाटाबेस का उपयोग विधिक सेवा अधिनियम 1987 के तहत विधिक सेवा प्राप्त करने के लिए पात्र ऐसे लोगों की कानूनी मदद करने में किया जाएगा, जो आर्थिक रूप से अपनी कानूनी लड़ाई लडऩे में असमर्थ हैं।

पंजीकरण कराना होगा
योजना के तहत स्टेट बार काउंसिल में पंजीकृत कार्यरत वकीलों को आमंत्रित किया गया है कि वे मंत्रालय की वेबसाइट पर जाकर अपना पंजीकरण करा सकते हैं। समिति ने वकीलों के लिए जारी सूचना में स्पष्ट कर दिया है कि यह कानूनी मदद गरीब व सर्वहारा वर्ग के लिए प्रस्तावित है। इसमें जो भी अपनी सेवाएं देगा, वह स्वेच्छा से होगी। लिहाजा इसके लिए उन्हें कोई भी मानदेय या आर्थिक मदद नहीं दी जाएगी। इसीलिए योजना को प्रो-बोनो (जनहित) लीगल सर्विसेस नाम दिया गया है।

भविष्य में मिलेगा फायदा
हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति से प्राप्त जानकारी के अनुसार हालांकि वकीलों को गरीबों की विधिक सहायता के लिए कोई भुगतान नहीं किया जाएगा। लेकिन, उन्हें भविष्य में इस कार्य का लाभ मिलेगा। नि:शुल्क विधिक सेवा देने वाले वकीलों का रिकॉर्ड तैयार होगा। उन्हें इस कार्य के लिए प्रमाणपत्र दिए जाएंगे। भविष्य में हाईकोर्ट या अन्य न्यायिक संस्थाओं में नियुक्ति व अन्य सेवाओं के लिए ऐसे वकीलों को प्राथमिकता से अवसर दिए जाएंगे।

यह होगा लाभ
विधिक सेवा समिति को राज्य सरकार द्वारा दिए जाने वाले बजट का एक बड़ा हिस्सा गरीब व सर्वहारा वर्ग को नि:शुल्क कानूनी मदद कराने में वकीलों की फीस के भुगतान में चला जाता है। इस योजना के चलते यह राशि बच सकेगी। इस राशि का सदुपयोग विधिक जागरुकता और गरीबों को दी जाने वाली अन्य कानूनी मदद में किया जा सकेगा। वकीलों द्वारा स्वयं अभिरुचि से ऐसे मामलों की पैरवी करने के कारण योजना के लाभार्थी पक्षकारों को उच्चस्तरीय विधिक सहायता भी मिल सकेगी।

यह योजना गरीब पक्षकारों के साथ ही वकीलों के लिए भी लाभप्रद है। डाटाबेस के जरिए गरीब पक्षकारों को उनके मामलों के विशेषज्ञ व रुचि रखने वाले वकीलों की सुविधा मुहैया कराई जाएगी, वहीं वकीलों को भी न्यायिक सेवाओं में प्राथमिकता दी जाएगी।
राजीव कर्महे, सदस्य सचिव, मप्र हाइकोर्ट विधिक सेवा समिति

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