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जबलपुर

विस अध्यक्ष ने मंच से दिखाया जिगरा, कहा-नेता बड़ी-बड़ी बातें चुनाव जीतने के लिए फेंक देते हैं

शायद नेताओं को अच्छी नहीं लगे नेताजी की यह बात

जबलपुरOct 25, 2019 / 07:48 pm

shyam bihari

neta

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जबलपुर। वे मप्र विधानसभा अध्यक्ष हैं। नाम है एनपी प्रजापति। चेहरे से सौम्यता झलकती है। कहीं से नहीं लगता कि उग्र भी हो सकते हैं। लेकिन, गुरुवार को वे जबलपुर में एक भूमिपूजन कार्यक्रम के दौरान मंच पर पहुंचे, तो भाषण में गजब ढा दिया। मंत्रियों, विधायकों के सामने अफसरों को मिलावट के मुद्दे इतना कुछ कह गए कि उनकी पार्टी के ही नेताओं, मंत्रियों को अच्छा नहीं लगा होगा। क्योंकि, सरकार इन्हीं की है। फिलहाल अफसरों को लपेटा ही, नेताओं को भी नहीं छोड़ा। कहने लगे- ‘प्रदेश में सिर्फ भोपाल में एक प्रयोगशाला होने के कारण अभी 15-20 दिन जांच में लगते हैं। जब तक रिपोर्ट आती है, जिस अधिकारी ने छापा मारा है, उसे सेट कर लिया जाता है। बुरा मत मानना सच बोल रहा हूं। बीच का घालमेल बंद करना होगा। जब रिपोर्ट में गड़बड़ी हो जाएगी, तो मिलावट पर कार्रवाई क्या होगी? एक मिलावट और साहब… उसमें लगाम हम नेताओं को लगानी होगी। बड़ी-बड़ी बात फेंक देते हैं। हमें मालूम है कि वे नहीं हो सकतीं। लेकिन, जानते हैं कि ये फेकेंगे तो चुनाव जीत जाएंगे। नजरिए में भी बदलावट की जरूरत है।
सरकारी डॉक्टर निशाने पर
प्रजापति ने मंच पर मौजूद स्वास्थ्य विभाग की पीएस पल्लवी गोविल की ओर इशारा करते हुए कहा कि ‘मैंने पीएस को फोन करके बताया कि नरसिंहपुर में रोटरी क्लब ने ब्लड बैंक बनाया। सांसद विवेक तन्खा ने मशीनें दिलवाई। लेकिन वह आज तक चालू नहीं हो पाया क्यों…? क्योंकि जो भी पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर वहां आता है सरकारी अस्पताल में खून की जांच बंद करके मरीज को प्राइवेट में भेजता है।Ó जो वहां अभी सरकारी डॉक्टर है उसने खुद का अस्पताल खोल रखा है। वहां खून की जांच के दो-दो सौ रुपए लगते हैं। ये भी मिलावट है। हर जगह यही हाल है। इसमें बदलाव होना चाहिए।
मिलावट पर गुस्सा
उनका कहना था कि आज अस्पताल में भर्ती होते है तो जांच में पता चला है कि 15 साल में लड़के का अटैक आ गया। 20 साल की उम्र में लड़की को ब्लड कैंसर हो गया। ये सिर्फ मिलावट की देन है। सब्जी, केला, सब में कैमिकल है। पावडर में मिलावट से चर्म रोग हो रहे हैं। इसे रोकने के लिए कारोबारी संगठन को भी कुछ करना चाहिए। विभाग को हर जिले में 5-10 अतिरिक्त कर्मी संविदा पर भर्ती करके मिलावट की पकड़ा-धकड़ी करना चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष बोल रहे थे, तो बाकी भी पीछे नहीं थे। राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि शासन की कार्रवाई मिलावट और फर्जी सामान बेचने वालों के विरुद्ध है। ईमानदारी से कारोबार कर रहे है उन्हें बिल्कुल भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। वे सही हैं, तो जांच में भी सब सही मिलेगा। वित्तमंत्री तरुण भनोत का कहना था कि मुनाफे के लिए कुछ बेईमान मिलावट करके सामान बेचते हैं। इन्हें देशद्रोही की संज्ञा देना चाहूंगा। चिंतन होना चाहिए कि खाद्य सामग्री बेचने वालों पर रासुका लगाने की जरूरत क्यों पड़ी? इसे लेकर सभी को जागरूक होना होगा। दूसरे मंत्री लखन घनघोरिया ने कहा कि शहर में हर तीसरा आदमी डायबिटीज से पीडि़त है। ये सब मिलावट के कारण हो रहा है। सरकारी अस्पतालों की हालत भी सभी को पता है। पर अब सारी चीजें बदलेंगी। सुधार होगा। शहर का विकास भी होगा।

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