ग्वारीघाट के उमाघाट के किनारे छोटे-बड़े वाहनों के पहियों में इस्तेमाल होने वाले ट्यूब में हवा भरकर लोगों को तैरने के लिए 20 रुपए प्रति घंटे की दर से तैराकी के लिए किराए पर दिए जा रहे हैं।
प्रशासनिक अनुमति नहीं नर्मदा नदी में तैराकी के लिए दिए जाने वाले हवा भरे ट्यूब किराए पर देने के लिए नगर निगम प्रशासन से अनुमति नहीं ली गई है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि गर्मी में नर्मदा नदी का जल स्तर कम होते ही यहां किराए पर हवा भरे ट्यूब देना शुरू कर दिया जाता है।
हादसे की वजह ● उमाघाट से जिलहरीघाट की ओर किनारे तक चोई ● उमाघाट में पानी कम होने पर पत्थरों के बीच गहरा पानी ● पत्थरों से बीस फीट बाद मुख्य धारा
- तैराक विशेषज्ञ संजय पटेल ने बताया कि डूब रहे व्यक्ति के लिए हवा भरा ट्यूब लाइफ जैकेट की तरह काम करता है, लेकिन इस पर कसावट नहीं होने की वजह से इसका इस्तेमाल करने वाला असंतुलित हो सकता है। इसके लिए जरूरी है कि ट्यूब शरीर से बंधा हो, तभी इस्तेमाल करने वाले सुरक्षित तैराकी कर सकते हैं।
संजय पटेल, तैराकी विशेषज्ञ - नगर निगम की ओर से यहां साफ-सफाई आदि की जाती हैं। ट्यूब किराए पर देने की अनुमति नहीं दी गई है। शैलेंद्र मिश्रा, रामपुर जोन प्रभारी, नगर निगम
- ग्वारीघाट में किराए पर ट्यूब देना गलत है। इससे हादसा हो सकता है। मामले में कार्रवाई की जाएगी। अनूप श्रीवास्तव, तहसीलदार, गोरखपुर