जानकारी के मुताबिक वन परिक्षेत्र सिहोरा के अंतर्गत आने वाली गौरहा बीट में गंजताल-खडऱा मार्ग में राजस मार्बल के पास ऊपरी पहाड़ी क्षेत्र में दोपहर एक बजे गंजताल के ग्रामीण ट्रैक्टर से पत्थर ढो रहे थे। उसी दौरान उनकी नजर ऊपर पत्थरों के बीच बैठे तेंदुए पर पड़ी। तेंदुए के देखते ही ग्रामीण ट्रैक्टर लेकर वहां से भागने लगे। ग्रामीणों ने गांव पहुंचकर इसकी जानकारी अन्य लोगों को दी। गांव के लोग फिर उसी जगह पर पहुंचे और तेंदुए की खोजबीन की, लेकिन तेंदुए का पता नहीं चला।
एक माह पहले भी दिखा था तेंदुआ
राजस मार्बल के कर्मचारियों और ग्रामीणों की मानें तो करीब एक माह पहले रात के समय कर्मचारियों ने ऊपर पहाड़ी क्षेत्र में पत्थर के ऊपर रात में तेंदुए को देखा था। उन्होंने इसकी जानकारी वन विभाग के अमले को दी, लेकिन एक-दो दिन रात में गश्त करने के बाद वन विभाग का अमला फिर उस क्षेत्र में गश्त करने नहीं गया। शनिवार को दिन में तेंदुआ दिखाई देने से आसपास के गांव में दहशत का माहौल है। ग्रामीण रात के समय इस क्षेत्र में निकलने से डर रहे हैं।
गश्त के लिए मिली गाड़ी, उपयोग नहीं
वन परिक्षेत्र सिहोरा के अंतर्गत आने वाली सभी बीटों में रात को गश्त के लिए वन विभाग को चार पहिया वाहन मिला है, लेकिन इसका उपयोग वन विभाग गश्त के लिए नहीं करता। इसके लिए बाकायदा 3 हजार रुपए प्रतिमाह पेट्रोल के लिए जारी होता है। गौरहा क्षेत्र में तेंदुआ देखे जाने के दो दिन बाद भी वन विभाग के अमले को इसकी खबर नहीं है। वन विभाग का अमला न तो मौके पर पहुंचा और न ही तेंदुए की सर्चिंग के लिए कोई गश्त की।
करीब 20 दिन पहले सम्बंधित क्षेत्र में तेंदुआ दिखाई दिया था। वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचा और तेंदुए की खोजबीन की थी, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। आपके माध्यम से जानकारी लगी है कि फिर से उसी क्षेत्र में ग्रामीणों ने तेंदुए को देखा है। संबंधित क्षेत्र में सर्चिंग अभियान चलाकर तेंदुए की खोजबीन की जाएगी।
अरविंद कुमार अहिरवार, वन परिक्षेत्र अधिकारी, सिहोरा