इस मॉर्डन पेट्रोल पंप को प्रशासन ने किया सील, ग्राहकों का पेट्रोल चुराकर हर माह करता था 2 लाख रुपए की ऊपरी कमाई
नोजल में गड़बड़ी करके पेट्रोल की हेराफेरी पर सदर का बिरमानी पेट्रोल पंप सील
Less petrol filling in vehicles fuel station sealed
जबलपुर। जिस पेट्रोल पंप पर लोग फ्यूल की गुणवत्ता और सही मात्रा मिलने के विश्वास के साथ वर्षों से डीजल-पेट्रोल खरीद रहे थे, वह ग्राहकों को सालों से ठग रहा था। ग्राहक को हर लीटर में पेट्रोल-डीजल निर्धारित मात्रा से कम दिया जा रहा था, लेकिन पैसे पूरे वसूले जा रहे थे। कम फ्यूल नापकर इस पेट्रोल पंप के संचालक हर माह ग्राहकों को करीब 2 लाख रुपए का चूना लगा रहे थे। पेट्रोल नापने में हेराफेरी और काली कमाई का भांडाफोड़ होने के बाद इस मॉर्डन पेट्रोल पंप को प्रशासन ने सील कर दिया है।
पहले किया था लाइसेंस निरस्त
उपभोक्ताओं से धोखाधड़ी, नाप-जोख और रिकार्ड संधारण में अनियमितता मामले में कलेक्टर कोर्ट ने एक दिल पहले ही पेट्रोल पम्प का लाइसेंस निलम्बित किया था। इसके बाद पेट्रोल पम्प के चार नोजल तत्काल सील कर दिए गए थे। इस मामले में जिला प्रशासन व खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने पेट्रोलियम कम्पनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। इसके बाद सुबह ११.३० बजे २ और नोजल समेत पेट्रोल पम्प को सील कर दिया गया।
लाइसेंस संस्पेंड होने के बाद भी हो रही थी फ्यूल की बिक्री
मॉर्डन पेट्रोल पंप के संचालकों को पेट्रोल में चोरी और हेराफेरी से कमाई के खेल को बेखोफ थे। वे खुलेआम कम पेट्रोल नापकर ग्राहकों की जेब से अधिक कीमत निकाल रहे थे। इस बात का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कलेक्टर द्वारा लाइसेंस निलंबित किए जाने के बावजूद गुरुवार सुबह से फिलिंग स्टेशन से पेट्रोल-डीजल की बिक्री हो रही थी। इसकी सूचना मिलने पर प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और पेट्रोल पम्प को सील कर दिया। इस दौरान पेट्रोल पम्प को सील करते समय सभी मशीनों व टैंक की रीडिंग ली गई। नाप-तौल विभाग की टीम भी मौजूद रही।
विरमानी पेट्रोल पंप के नाम से पहचान
सदर स्थित जिस मॉर्डन फ्यूल स्टेशन का लाइंसेंस निरस्त कर उसे सील करने की कार्रवाई की गई है उसे शहर में विरमानी पेट्रोल पंप के नाम से पहचाना जाता है। पेट्रोल पंप के संचालक महेंद्र मोहन विरमानी है। ये फ्यूल स्टेशन आईओसीएल का है।
हर 5 लीटर में 30 मिली कम नापते थे फ्यूल
इस वर्ष अप्रैल में सहायक खाद्य अधिकारी संजय खरे व खाद्य विभाग के अधिकारियों ने पंप पर छापा मारा था। कार्रवाई में दो नोजल से कम पेट्रोल नापने की बात सामने आई थी, जिसके बाद दोनों ही नोजलों को जब्त कर लिया गया था। सूत्रों के अनुसार पंप में प्रत्येक लीटर में कम से कम 30 मिलीलीटर पेट्रोल कम नापा जा रहा था। जिस वक्त ये चोरी पकड़ी गई थी उसमय पेट्रोल पंप से प्रतिमाह तकरीबन ढाई लाख लीटर पेट्रोल बेचा जा रहा था। इस लिहाज पेट्रोल चोरी की राशि की गणना की जाए तो गाडिय़ों में कम पेट्रोल भरकर ही संचालक प्रतिमाह करीब 2 लाख रुपए की काली कमाई कर रहे थे।
अन्य पेट्रोल पंप पर भी नजर
जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक सीएस जादौन के अनुसार पेट्रोल पम्प की जांच में ढेरों अनियमितताएं मिली थीं, जिनके आधार पर कलेक्टर न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया था। न्यायालय ने पेट्रोल पम्प का लाइसेंस निलम्बित कर दिया था। इसके बावजूद गुरुवार को फिलिंग स्टेशन से बिक्र ी की सूचना पर पेट्रोल पम्प को सील कर दिया गया। जिले के अन्य पेट्रोल पंपों पर भी नजर रखी जा रही है। गड़बड़ी मिलने पर सख्त कार्रवाई होगी।
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