scriptहाईकोर्ट ने पूछा, दसवीं के छात्र को कैसे कम मिले पांच अंक | Letest Highcourt News | Patrika News

हाईकोर्ट ने पूछा, दसवीं के छात्र को कैसे कम मिले पांच अंक

locationजबलपुरPublished: Jul 14, 2019 01:12:09 am

Submitted by:

reetesh pyasi

माशिमं से किया जवाब-तलब
 

MP Highcourt

MP Highcourt

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा मंडल से पूछा कि दसवीं के छात्र को परीक्षा में पांच अंक कम कैसे दिए गए? जस्टिस विशाल धगट की सिंगल बेंच ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया। मामला उत्तरपुस्तिका के मूल्यांकन में गड़बड़ी के आरोप से जुड़ा है।

यह था मामला
जबलपुर निवासी हर्ष गायकवाड़ ने याचिका दायर कर कहा कि उसने माशिमं द्वारा आयोजित दसवीं की परीक्षा निजी स्कूल के छात्र के बतौर दी। उसने गणित विषय का पर्चा ठीक से हल किया था। इसके बावजूद उसे महज 23 अंक दिए गए। इस वजह से उसे पूरक की पात्रता दे दी गई। अवसादग्रस्त होकर याचिकाकर्ता छात्र ने आत्महत्या तक की कोशिश की। उसकी बहन से उसका हौसला बढ़ाया और माता-पिता के जरिए माध्यमिक शिक्षा मंडल में रीटोटलिंग का आवेदन दिया। इसके बावजूद नो-चेंज लिखकर आ गया। इससे याचिकाकर्ता का अवसाद और बढ़ गया।

याचिकाकर्ता छात्र का दावा
याचिकाकर्ता छात्र का दावा है कि उसे कम से कम 28 अंक मिलने चाहिए। अधिवक्ता मनोज चतुर्वेदी ने तर्क दिया कि उत्तरपुस्तिका की नए सिरे से जांच कराई जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी। प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने अनावेदकों को नोटिस जारी किए।
read also : Mp High Court का अहम फैसला, नीट परीक्षा में सही उत्तर टिक करने वाले को मिलेंगे अंक
एमएड के छात्रों को राह
मप्र हाईकोर्ट में अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा की ओर से बताया गया कि रीवा के टीडी एजुकेशन कॉलेज में एमएड कोर्स कर रहे 50 छात्रों को परीक्षा में शामिल किया जाएगा। विवि के इस बयान को रेकार्ड पर लेकर एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने कॉलेज के छात्रों की याचिका निराकृत कर दी।रीवा निवासी सुधा तिवारी, अमित कुमार पांडे, रमेश यादव ने याचिका दायर कर कहा कि उन्होंने रीवा के टीडी एजुकेशन कॉलेज में एमएड कोर्स में प्रवेश लिया। लेकिन कॉलेज की संबंद्धता न होने के चलते विवि उन्हें परीक्षा में शामिल नहीं कर रहा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो