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ठेके की अवधि पूरी होने के बाद भी पुराने सप्लायर कैसे कर रहे पोषण आहार की आपूर्ति

locationजबलपुरPublished: Sep 26, 2019 12:29:17 am

Submitted by:

reetesh pyasi

राज्य सरकार सहित अन्य से हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर पूछा

rajasthan highcourt asked for report on adarsh credit cooperative

हाईकोर्ट ने मांगी आदर्श क्रेडिट सोसायटी के खिलाफ जांच की स्टेटस रिपोर्ट, निष्पक्ष अनुसंधान की मांग को लेकर याचिका

जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व अन्य से पूछा कि राज्य की आंगनबाडिय़ों में मध्यान्ह भोजन की आपूर्ति करने के लिए दिए गए ठेके की अवधि समाप्त हो जाने के बाद भी पुराने सप्लायर्स कैसे आपूर्ति कर रहे हैं? बुधवार को एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार व संबंधित कंपनियों को नोटिस जारी किए। सभी से चार सप्ताह में जवाब मांगा गया।

यह था मामला

गुरुकृपा महिला स्वयं सहायता समूह बड़वानी की सपना जायसवाल ने याचिका दायर कर कहा कि राज्य सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने 2017 में प्रदेश की आंगनबाडिय़ों में पोषण आहार का ठेका एमपी एग्रोनॉमिक्स लिमिटेड रायसेन, राजस्थान की कोटा दाल मिल व दिल्ली की सुरुचि फूड्स प्राइवेट लिमिटेड को एक साल के लिए दिया। 30 अक्टूबर 2018 को ठेके की अवधि पूरी हो गई। इसके बावजूद यहीं कंपनियां पोषण आहार सप्लाई कर रही हैं।

यह तर्क दिया
अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने तर्क दिया कि केंद्र सरकार के नए नियमों के तहत याचिकाकर्ता का समूह भी यह ठेका लेने के लिए पात्र हो गया है। इसलिए पुराना ठेका निरस्त कर नए सिरे से टेंडर आमंत्रित किए जाएं। प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग सचिव, आयुक्त आईसीडीएस व उक्त तीनों सप्लायर कंपनियों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया।
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ब्लैकलिस्टेड कंपनी को कैसे दिया ठेका
एक अन्य मामले में सुनवाई करते हुए मप्र हाईकोर्ट ने राज्य सरकार सहित अन्य से पूछा कि दूसरे राज्य में ब्लैकलिस्टेड कंपनी को 108 संजीवनी व 104 जननी एक्सप्रेस एम्बुलेंस ठेका कैसे दे दिया गया? कंपनी की ओर से काम के दौरान अनियमितताएं कैसे की जा रही हैं? कोर्ट ने सभी अनावेदकों से जवाब मांगा। एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने मामले पर स्वत: संज्ञान लेकर अधिवक्ता सिद्धार्थ सेठ को कोर्ट मित्र नियुक्त कर मामले में सहयोग देने का निर्देश दिया।
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