यह है मामला
पचमढ़ी के वल्लभगंज निवासी राजेश रजक सहित छह लोगों ने याचिका दायर कर कहा कि सभी के निर्माण बरसों पुराने हैं। 2009 में उक्त निर्माणों के पुराने व खस्ताहाल हो जाने के चलते इनका सुधार कराया। इस कार्य में पचमढ़ी केंट बोर्ड की कुछ जमीन पर अतिरिक्त निर्माण हो गया। इस पर केंट बोर्ड ने उन्हें शोकॉज नोटिस देकर अतिरिक्त निर्माण हटाने को कहा। इसके खिलाफ केंट बोर्ड में अपील कर कहा गया कि सुधार कार्य के चलते हुए अतिरिक्त निर्माण की जगह की कम्पाउंडिंग राशि जमा कर इसे स्वीकृति दी जाए। लेकिन, यह अपील केंट बोर्ड सीईओ ने खारिज कर दी।
पचमढ़ी के वल्लभगंज निवासी राजेश रजक सहित छह लोगों ने याचिका दायर कर कहा कि सभी के निर्माण बरसों पुराने हैं। 2009 में उक्त निर्माणों के पुराने व खस्ताहाल हो जाने के चलते इनका सुधार कराया। इस कार्य में पचमढ़ी केंट बोर्ड की कुछ जमीन पर अतिरिक्त निर्माण हो गया। इस पर केंट बोर्ड ने उन्हें शोकॉज नोटिस देकर अतिरिक्त निर्माण हटाने को कहा। इसके खिलाफ केंट बोर्ड में अपील कर कहा गया कि सुधार कार्य के चलते हुए अतिरिक्त निर्माण की जगह की कम्पाउंडिंग राशि जमा कर इसे स्वीकृति दी जाए। लेकिन, यह अपील केंट बोर्ड सीईओ ने खारिज कर दी।
याचिक लंबित है
अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने तर्क दिया कि यह आवेदन नियमानुसार केंट बोर्ड की मीटिंग में विचार किया जाना था। सीईओ को इस पर विचार करने का अधिकार नहीं है। केंट बोर्ड पचमढ़ी की ओर से अधिवक्ता अनूप नायर ने कोर्ट को बताया कि पचमढ़ी छावनी में अतिक्रमण, अवैध निर्माण को लेकर हाईकोर्ट की ओर से स्वत: संज्ञान पर दायर याचिका लम्बित है। इन याचिकाओं को भी उसके साथ संलग्न कर समग्र रूप से सुना जाए। इसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया।
अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने तर्क दिया कि यह आवेदन नियमानुसार केंट बोर्ड की मीटिंग में विचार किया जाना था। सीईओ को इस पर विचार करने का अधिकार नहीं है। केंट बोर्ड पचमढ़ी की ओर से अधिवक्ता अनूप नायर ने कोर्ट को बताया कि पचमढ़ी छावनी में अतिक्रमण, अवैध निर्माण को लेकर हाईकोर्ट की ओर से स्वत: संज्ञान पर दायर याचिका लम्बित है। इन याचिकाओं को भी उसके साथ संलग्न कर समग्र रूप से सुना जाए। इसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया।